सीरिया में अनिश्‍चित समय के लिए सेना तैनाती करने को रशियन संसद की मंज़ुरी

मॉस्को, दि. ८ (वृत्तसंस्था) – रशिया द्वारा सीरिया में अस्साद हुकूमत की सहायता के लिए शुरू की गई सेना की मुहिम अनिश्‍चित समय तक शुरू रखी जाने के संकेत मिल रहे हैं| पिछले साल रशिया और सीरिया के बीच हुए रक्षातैनाती समझौते को रशियन संसद ने मंज़ुरी दी है| इससे, तार्तस के बाद रशिया का दूसरा स्थायी रक्षा-अड्डा सीरिया में कार्यरत होगा, इसपर मुहर लग गई है| सीरिया में अस्साद सरकार के लिए यह बड़ी राहत की बात है| लेकिन यह नया समझौता अमरीका और सहयोगी देशों के लिए चिंता का विषय बन सकता है|

रशियन संसदपिछले साल अगस्त महीनें में रशिया ने सीरिया में लष्करी कार्रवाई हाथ में ली थी| सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बशर अल अस्साद इनकी गुज़ारिश पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, ‘आयएस’ के खिलाफ़ की आतंकवादी मुहिम में सहायता करने के लिए सेना की मुहिम छेड़ दी थी| शुरू शुरू में हवाई हमलों तक ही सीमित रहनेवाली इस मुहिम की, बाद में व्याप्ति बढ़ा दी गई थी| इस मुहिम के लिए रशिया ने सीरिया के लताकिया प्रांत के खमैमिम इलाके में हवाईअड्डा बनाया था|

इस हवाई अड्डे पर रशिया के लड़ाकू विमानों के साथ सेना का दस्ता तैनात किया गया है| ‘आयएस’ के खिलाफ हवाईहमले के साथ ही, सीरियन सेना की मुहिम की सहायता के लिए इस तरह की व्यापक कार्रवाई की कमान इस हवाईअड्डे से सँभाली जा रही थी, ऐसा कहा जाता है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने पिछले साल, इसी संदर्भ में सीरियन सरकार के साथ समझौता भी किया गया था| इस समझौते को अब संसद की मंज़ुरी मिलने के कारण, रशिया ने खमैमिम इलाके में हवाईअड्डे पर अपनी सेना की स्थायी तैनाती की है, ऐसा कहा जाता है|

रशियन संसदरशिया की संसद ने पारित किये प्रस्ताव में, पिछले साल हुए समझौते को मंज़ुरी देते हुए, यह समझौता अमर्याद काल के लिए वैध रहेगा, ऐसा प्रावधान किया गया है| समझौते में, सीरिया में शांति और सौहार्द बरक़रार रखने के लिए सीरीयन सरकार की गुजारिश से यह तैनाती हुई है, ऐसा ज़िक्र किया गया है| सीरिया में रशिया के हवाई अड्डे पर तैनात जवानों के लिए सभी प्रकार के ज़रूरी हथियार और अन्य सामग्री लाने के लिए पूरी तरह से अनुमति है, ऐसा इस समझौते में स्पष्ट किया गया है|

सीरीया में सेना के दूसरे अड्डे को स्थायी रक्षाअड्डे का रूप देकर रशिया ने सीरिया में अपने मनसुबे स्पष्ट किये हैं| इससे पहले भी रशिया ने ‘एस-३००’ और ‘एस-४००’ जैसीं प्रगत तथा अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्रयंत्रणाएँ सीरिया में तैनात की हैं| इसके साथ ही, सीरिया में कार्रवाई के लिये अत्याधुनिक मिसाईल्स और लड़ाकू विमानों को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है| इन सभी का इस्तेमाल और तैनाती स्पष्ट संकेतदे रहे हैं कि रशिया अपनी रक्षानीति को और आक्रामक कर रहा है|

अमरीका और मित्रराष्ट्रों ने, रशिया के सीरिया के हस्तक्षेप पर, साथ ही रक्षाकार्रवाईं पर साफ नारा़ज़गी जताई थी| अमरीका और सहयोगी देश और रशिया के बीच कुछ संघर्ष की वारदातें होने की बात भी सामने आई है| लेकिन इसके पश्‍चात् स्थायी रूप से रक्षा अड्डे को मंजुरी देकर रशिया ने, हम सीरिया में अस्साद राजवट के पीछे मजबूती से खड़े हैं, ऐसा आश्‍वस्त किया है| रशिया ने उठाये कदम ‘आयएस’ विरोधी संघर्ष का महत्त्वपूर्ण टप्पा है| लेकिन इससे आतंकवादी संगठन के समेत अमरीका और मित्रदेशों की चिंता बढ़नेवाली है, ऐसा नजर आ रहा है|

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