नाइजर में ‘आयएस’ के भीषण आतंकवादी हमले में ६० लोगों की मृत्यु – सात दिन में दूसरा बड़ा हमला

निआमे – नाइजर में ‘आयएस’ से जुड़े आतंकवादी संगठन ने किये आतंकी हमले में ६० लोगों की मृत्यु हुई है। नाइजर-माली सीमा पर होनेवाले ताहोआ प्रांत में यह हमला किया गया। महज हफ्ते भर में नाइजर-माली सीमा पर हुआ यह दूसरा बड़ा हमला है। इससे पहले तिलाबेरी में हुए हमले में ५८ लोगों की मौत हुई थी। एक के बाद एक हुए इन हमलों से साहेल क्षेत्र की सुरक्षा का मुद्दा फिर एक बार चर्चा में आया है।

नाइजररविवार को नाइजर-माली सीमा पर होने वाले ताहोआ प्रांत के तीन गाँवों में ‘आयएस’ से जुड़े आतंकवादी संगठन ने हमले किए। हमले में ६० लोगों की जानें गईं होने की जानकारी इस भाग के मेयर अल्फौझाझी इसिन्टॅग ने दी। लेकिन स्थानिक सूत्रों ने, हमले की व्याप्ति बड़ी होकर मृतकों की संख्या बढ़ने का डर व्यक्त किया है। यह हमला बदले का भाग हो सकता है, ऐसा दावा भी किया जा रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में इस इलाके के संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लिया गया था। उस कार्रवाई का बदला लेने के लिए यह हमला किया गया होगा, ऐसा बताया जा रहा है।

नाइजर

माली- नाइजर सीमा पर महज हफ्ते भर में हुआ यह दूसरा हमला है। पिछले सोमवार को नाइजर के ‘तिलाबेरी’ इलाके में हुए हमलों में ५८ लोगों की जानें गईं थीं। हमले की जिम्मेदारी का स्वीकार हालांकि किसी भी संगठन में नहीं किया है, फिर भी ‘बोको हराम’ अथवा ‘आयएस’ से जुड़े आतंकवादी गुट ने यह हमला किया होने का शक सूत्रों ने जाहिर किया था। नाइजर में पिछले तीन महीनों में हुआ यह तीसरा बड़ा हमला साबित हुआ है। इससे पहले जनवरी महीने में हुए हमले में लगभग १०० लोगों की जान गई थी।

इसी बीच, माली में पिछले हफ्ते में हुए हमले की जिम्मेदारी ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन ने स्वीकारी है। इस हमले में ‘आयएस’ ने माली के ईशान्य ओर के अन्सोंगो शहर के पास होने वाली लष्करी चौकी पर हमला किया गया था। शुरू शुरू में उसमें ११ जवानों की मृत्यु होने की जानकारी दी गई थी। लेकिन कुल ३३ सैनिकों की मृत्यु होने के बात सामने आई है। पिछले महीने भर में ‘आयएस’ ने माली लष्कर को लक्ष्य करने की यह दूसरी घटना है।

नाइजर

नाइजर और माली में होनेवाले बढ़ते आतंकवादी हमलों से ‘साहेल’ क्षेत्र की सुरक्षा का मुद्दा फिर एक बार चर्चा में आया है। फ्रान्स और अमरीका ने इस क्षेत्र के विभिन्न देशों में लष्करी अड्डे बनाए होकर, आतंकवाद विरोधी मुहिम के लिए तैनाती भी की है। लेकिन उसके बाद भी ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ से जुड़े संगठनों के, इस क्षेत्र के देशों में होनेवाले हमले लगातार बढ़ते हुए दिख रहे हैं। यह बात अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साहेल में जारी मुहिम असफल होने के संकेत देनेवाली साबित होती है।

पश्‍चिम अफ्रिका के नाइजर, माली, बुर्किना फासो, चाड, नायजेरिया और मॉरिशानिया इन देशों को ‘साहेल कंट्रीज्’ के नाम से जाना जाता है।

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