यमनी लष्कर और हाउथियों के संघर्ष में १११ लोगों की मौत – हाउथी विद्रोहियों के सऊदी पर ड्रोन, क्षेपणास्त्र हमले जारी

सना – पिछले तीन दिनों से यमन का लष्कर और हाउथी विद्रोहियों में भड़के संघर्ष में १११ लोगों की मृत्यु हुई। यमन के इंधनसंपन्न मरिब इस इलाके पर कब्जा करने के लिए जारी संघर्ष में यह भीषण खून खराबा हुआ। पिछले चार महीनों से हाउथी विद्रोही मरिब पर हमले कर रहे हैं। साथ ही, यमन की हादी सरकार और लष्कर को समर्थन देनेवाले सऊदी अरब पर भी हाउथी विद्रोहियों ने ड्रोन और क्षेपणास्त्रों के हमले जारी रखे हैं। पिछले चौबीस घंटों में हाउथियों ने सऊदी पर चार ड्रोन और चार क्षेपणास्त्रों के हमले किए।

yemen-military-houthi-conflict-1छः सालों से यमन के ईरान से जुड़े हाउथी विद्रोहियों ने यहाँ की सऊदी समर्थक हादी सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया है। अन्सरुल्ला हाउथी इस नेता के नेतृत्व में एकत्रित आए यमन के विद्रोहियों ने, राजधानी सना पर नियंत्रण प्राप्त कर अपनी सरकार स्थापित की। वही, सऊदी समर्थक हादी, यमन की आर्थिक राजधानी और प्रमुख बंदरगाह शहर एडन से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मान्यता होनेवाली सरकार चला रहे हैं। इस कारण पिछले कुछ साल यमन में दो समांतर सरकारें परस्पर विरोधी प्रशासन कर रही हैं।

हाउथी विद्रोहियों ने हालाँकि यमन के प्रमुख शहरों और बंदरगाहों पर कब्जा किया है, फिर भी मरिब जैसा इंधनसंपन्न शहर अभी भी हादी सरकार के नियंत्रण में है। इस शहर पर कब्ज़ा करने के लिए हाउथी विद्रोहियों द्वारा फरवरी महीने से हमले शुरू हुए। इनमें दोनों गुटों के सैकड़ों लोग मारे जाने का दावा किया जाता है। पिछले तीन दिनों से फिर से हाउथी विद्रोहियों ने मरिब शहर पर हमलें शुरू किए। इनमें यमनी लष्कर के २९ जवान और ८२ हाउथी विद्रोही मारे गए। इसके अलावा, हाउथी विद्रोहियों ने यमन के अन्य भागों में भी लष्कर पर हमले किए।

yemen-military-houthi-conflict-2-300x300अगर मरिब पर नियंत्रण प्राप्त किया, तो सऊदी अरब, अरब मित्र देश और अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ चर्चा करना अधिक आसान होगा, ऐसा हाउथी विद्रोहियों को लगता है। लेकिन मरीजों पर कब्ज़ा करने के लिए हाउथी विद्रोहियों द्वारा किए जानेवाले हमलों पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता ज़ाहिर की जाती है। पिछले छः सालों के संघर्ष में विस्थापित हुए लगभग १० लाख यमनी नागरिकों को मरिब शहर में शिविरों में बसाया गया है। इस संघर्ष के कारण, इन शिविरों में स्थित विस्थापितों की सुरक्षा का गंभीर प्रश्न निर्माण होगा, ऐसा डर ज़ाहिर किया जाता है।

इसी बीच, यमन की सरकार और हाउथी विद्रोहियों में चल रहा गृहयुद्ध यानी सऊदी अरब और ईरान के बीच का छुपा संघर्ष है, ऐसा माना जाता है। इस संघर्ष में अब तक हज़ारों लोगों की जान गई है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। उसी में, ईरान में रईसी ये जहालमतवादी नेता राष्ट्राध्यक्षपद पर आ रहे होकर, उन्होंने खाड़ी क्षेत्र के ईरानसमर्थक संगठनों को अधिक बल की आपूर्ति करने के संकेत दिए हैं। अब तक ईरान खुफिया रूप में हाउथी विद्रोहियों को, सऊदी और सऊदी के मित्रदेशों के ख़िलाफ सहायता प्रदान कर रहा था। लेकिन रईसी के कार्यकाल में ईरान अधिक आक्रामकता से हाउथी विद्रोहियों की सहायता करने की गहरी संभावना है। इससे यमन में चल रहा यह संघर्ष कम होने के बजाय उसकी तीव्रता बढ़ेगी। उसकी गूँजें सुनाईं देने लगीं होकर, हाउथी विद्रोहियों ने मरिब पर कब्ज़ा करने के लिए किया हमला इसी के संकेत दे रहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published.