कोरोना जैसी महामारियों का मुक़ाबला करने के लिए जागतिक स्वास्थ्य संगठन में सुधार आवश्यक हैं – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आवाहन

नई दिल्ली – कोरोना जैसी महामारियों का मुक़ाबला करने के लिए जागतिक स्वास्थ्य संगठन में सुधार करने पड़ेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष जो बायडेन ने कोरोना की महामारी के संदर्भ में आयोजित की ‘ग्लोबल व्हर्च्युअल समिट’ को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने यह आवाहन किया। महामारियों पर के टीके और उन पर होनेवाले इलाज, इस संदर्भ में जागतिक स्वास्थ्य संगठन के नियम बदलने की जरूरत है। ऐसी महामारियों पर टीके और दवाइयाँ सभी को समान रूप से उपलब्ध होनीं चाहिए और इसके लिए संकटों का असर ना होनेवाली मजबूत सप्लाई चैन खड़ी करने की ज़रूरत है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा।

भारत में हालांकि कोरोना की महामारी पर नियंत्रण पाया गया है, फिर भी अभी भी कुछ देशों में यह महामारी कहर ढा रही है। अमरीका में कोरोना के मृतकों की संख्या 10 लाख के भी पार हुई है। वहीं, चीन में प्रतिदिन कोरोना के 10 हज़ार से अधिक मरीज़ पाए जा रहे हैं। युरोपीय देशों में भी यह महामारी नए से फैल रही होने के दावे किए जा रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में, प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी जागतिक महामारियों का सामना करने के लिए जागतिक स्वास्थ्य संगठन में सुधार करवाने का आवाहन किया है।

कोरोना जैसी महामारियों के विरोध में जागतिक स्तर पर संगठित प्रतिसाद की उम्मीद है। इसके लिए जागतिक स्वास्थ्य संगठन में सुधार करवाना ज़रूरी है। सभी को ऐसी महामारियों पर टीके और दवाइयां समान रूप से उपलब्ध करा देना ज़रूरी होगा। भारत ने कोरोना की महामारी रोकने के लिए भारी मात्रा में टीकाकरण की मुहिम हाथ में ली थी। भारतीय नागरिकों का लगभग 90 प्रतिशत टीकाकरण पूरा हुआ है। वहीं, 5 करोड़ बच्चों को भी कोरोना का टीका लगाया गया है। भारत में जागतिक स्वास्थ्य संगठन की मान्यता मिले चार टीकों का उत्पादन शुरू किया है। भारत के पास प्रतिवर्ष कोरोना के टीको की 500 करोड़ डोज़ का निर्माण करने की क्षमता है, ऐसी जानकारी इस समय प्रधानमंत्री ने दी।

द्विपक्षीय सहयोग तथा कोव्हॅक्स इनिशिएटीव के माध्यम से भारत ने अब तक 98 देशों को कोरोना के टीकों की 20 करोड़ डोज़ की सप्लाई की है, इस बात पर प्रधानमंत्री ने इस वर्चुअल समिट में गौर फरमाया। उसी समय, कोरोना जैसी महामारियों का मुकाबला करने के लिए, आनेवाले समय में जागतिक व्यापारी परिषद भी अपने नियमों में आवश्यक बदलाव करें, ऐसा आवाहन भी प्रधानमंत्री ने इस समय किया।

भारत ने कोरोना के टीकाकरण के साथ ही, रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ानेवालीं पारंपरिक दवाइयों के इस्तेमाल का भी पुरस्कार किया था और उसका कोरोना विरोधी लड़ाई में बड़ा फायदा हुआ, इस पर प्रधानमंत्री ने सबका ध्यान आकर्षित किया। उससे कई लोगों की जान बची है, यह बताकर प्रधानमंत्री ने उस पर संतोष ज़ाहिर किया। भारत की पारंपरिक उपचार पद्धतियों का यह ज्ञान दुनिया को उपलब्ध हों, इसके लिए पिछले ही महीने ‘डब्ल्यूएचओ सेंटर फॉर ट्रॅडिशनल मेडिसिन इन इंडिया’ की नींव रखी गई है, ऐसी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी।

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