व्लादिमीर पुतिन वर्ष २०३६ तक रशिया के राष्ट्राध्यक्ष रहेंगे – संविधान में जरूरी बदलाव करनेवाले प्रस्ताव पर किए पुतिन ने हस्ताक्षर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को: व्लादिमीर पुतिन को अगले कम से कम १६ वर्षोंतक रशिया के राष्ट्राध्यक्ष बने रखने के लिए आवश्यक कानून के प्रस्ताव को रशिया में पारित किया गया है| शुक्रवार के दिन रशिया के सभी प्रांतों के स्थानिय विधिमंडल ने संविधान में बदलाव करने से संबंधित वर्णित प्रस्ताव पारित मंजूरी दी है, यह जानकारी प्रदान की गई है| इसके बाद शनिवार के दिन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने संविधान में बदलाव करने का समावेश होनेवाले कानून के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए है, यह जानकारी रशिया के सूत्रों ने साझा की| इस कानुन के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की रशिया पर बनी पकड और भी मजबूत हुई है|

व्लादिमीर पुतिन वर्ष २०१८ में दुसरी बार राष्ट्राध्यक्ष चुनें गए है| उनके इस राष्ट्राध्यक्ष पद का कार्यकाल वर्ष २०२४ में खतम होना है| रशियन संविधान के प्रावधानों के अनुसार इसके बाद पुतिन राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर कार्यरत नही रह सकते| इस वजह से संबंधित कानून में बदलाव करने की कोशिश पीछले वर्ष से हो रही थी| दो महीनें पहले राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने संसद में किए भाषण में रशियन संविधान में बदलाव करने के प्रस्ताव का ऐलान किया था|

इसमें राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री के अधिकार कम करके संसद को ज्यादा अधिकार प्रदान करने का प्रावधान था| पुतिन के इस प्रस्ताव के बाद रशिया के प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदवेदेव ने अपने पद एवं मंत्रिमंडल का इस्तीफा पेश किया था| साथ ही रशिया के नए प्रधानमंत्री के तौर पर देश के ‘टैक्स सिस्टिम’ के प्रमुख मिखाईल मिशुस्तिन को नियुक्त किया गया था| संविधान में बदलाव करने का ऐलान करने के साथ ही यह बदलाव रशियन जनता को मंजूर होना जरूरी है और इसके लिए सार्वमत करने की जरूरत होगी, यह ऐलान भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया था|

राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की यह चाल वर्ष २०२४ के बाद देश पर अपनी सियासी पकड बरकरार रखने के लिए किया गया दांव होने का दाा पश्‍चिमी विश्‍लेषक कर रहे थे| पर, इस ओर अनदेखा करके रशियन संसद एवं रशिया के सभी प्रांतों ने संविधान के प्रस्तावित बदलाव को मंजुरी दी थी| यह प्रक्रिया पुरी होने के बाद पुतिन ने संविधान में बदलाव करने के लिए जरूरी कानून के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए| कानून में परीवर्तित होने के बावजूद इन बदलाव पर २२ अप्रैल के रोज सार्वमत लिया जा रहा है और इसके बाद यह कानून मंजुरी के लिए न्यायालय के सामने रखा जाएगा|

पर, यह प्रक्रिया मात्र औपचारिकता होने की बात कही जा रही है| शनिवार के दिन कानून में परिवर्तित होने के बाद रशिया के कुछ गुटों ने इस पर आलोचना करके प्रदर्शन शुरू किए है| सुरक्षा यंत्रणाओं ने ४० प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की खबर प्राप्त हुई है| पर, पुतिन ने इससे पहले भी इस तरह से हुआ विरोध तोड दिया है और कानून को रशियन जनता बहुमत से स्वीकार करेगी, यह संकेत अभी से दिए जा रहे है|

जासूस के तौर पर अपना कार्यकाल शुरू करनेवाले व्लादिमीर पुतिन वर्ष २००० से रशिया की सूत्र अपने हाथ में रखने में कामयाब हुए| तीन बार राष्ट्राध्यक्ष और एक बार प्रधानमंत्री के तौर पर काम करने के साथ रशियन अर्थव्यवस्था को उभारना उनका सर्वोत्तम काम समझा जाता है| साथ ही रशियन संघराज्य के अलग हो जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रशिया को फिर से एक समर्थ देश और प्रमुख शक्तिमान सत्ता के तौर पर स्थान दिलाने में भी पुतिन के नेतृत्व की अहम भूमिका रही है|

अपने २० वर्षों की सत्ता में पुतिन तानाशाही की ओर आगे बढ रहे है, यह आरोप लगातार हुए है, फिर भी वर्तमान में रशिया को ताकतवर नेतृत्व की जरूरत है, यह कहकर पुतिन ने उनपर हो रही आलोचना का जवाब दिया है|

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