साउथ चायना सी में चीन की जारी हरकतों के खिलाफ वियतनाम आक्रामक – नए ‘आउटपोस्टस्‌‍’ के साथ प्रगत हथियारों की खरीद कर दी तेज़

हनोई/बीजिंग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत साउथ चायना सी में कर रहीं हरकतों को चुनौति देने के लिए वियतनाम ने आक्रामक नीति अपनाई हैं। पिछले कुछ महीनों में वियतनाम ने साउथ चायना सी के विवादित ‘स्प्रॅटली आयलैण्ड’ के क्षेत्र में नए आउटपोस्टस्‌‍ का निर्माण शुरू किया हैं। साथ ही अमरीका, इस्रायल, भारत और यूरोपिय देशों से नई रक्षा प्रणाली खरीद ने को भी गति प्रदान की है। पिछले हफ्ते आयोजित रक्षा प्रदर्शनी की पृष्ठभूमि पर कुछ प्राथमिक समझौते होने का दावा भी सूत्र ने किया है।

‘साउथ चायना सी’ के ‘स्प्रॅटली आयलैण्ड’ क्षेत्र के विभिन्न द्विपों पर चीन और वियतनाम के साथ आग्नेय एशिया के पांच देशों ने अपने दावे जताए हैं। इनमें मलेशिया, फिलीपीन्स, ताइवान का भी समावेश हैं। पिछले दशक में २०१३ से २०१६ के दौरान चीन ने इस क्षेत्र के छोटे द्विपों पर भारी मात्रा में निर्माण कार्य करके रक्षा अड्डा स्थापित करके पुरे क्षेत्र पर अपना दावा जताना शुरू किया। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय यंत्रणाओं ने चीन के दावे ठुकराए हैं और आग्नेय एशियाई देशों के अधिकारों को स्वीकृति प्रदान की है।

चीन ने यह निर्णय स्वीकार ने से इन्कार करके इस क्षेत्र में रक्षा तैयार लगातार बढ़ाने पर जोर दिया हैं। चीन की इन हरकतों को चुनौती देने के लिए अमरीका एवं अन्य देशों ने पहल की हैं और आग्नेय एशियाई देशों को बड़ी मात्रा में सहयोग करने का आश्वासन दिया है। इसी बलबुते पर आग्नेय अशिया के छोटे देशों ने भी चीन के खिलाफ ड़टकर खड़े रहकर आवाज़ उठाना शुरू किया हैं। फिलीपीन्स और वियनताम यह देश इस मोर्चे पर सबसे आगे हैं और इन्होंने चीन विरोधी मोर्चा खड़ा करने के संकेत दिए हैं।

पिछले कुछ महीनों में वियतनाम ने ‘स्प्रॅटली आयलैण्ड’ क्षेत्र में शुरू किया निर्माणकार्य और आऊटपोस्टस्‌‍ का बनाना इसी का हिस्सा बनता है। ‘एशिया मेरिटाईम ट्रान्सपरन्सी इनिशिएटिव’ ने इसकी रपट जारी की हैं। इसके अनुसार वियतनाम ने साल २०२२ में ‘स्प्रॅटली आयलैण्ड’ के क्षेत्र में ४०० एकड़ से भी अधिक भूमि का निर्माण किया हैं। चीन की तुलना में इसकी मात्रा कम होने के बावजूद वियतनाम पर सोचे तो यह गतिविधियां ध्यान आकर्षित करती हैं। वियतनाम से नौ क्षेत्रों में निर्माण कार्य शुरू हैं और इनमें नामयित आयलैण्ड, पिअर्सन रिफ, सैण्ड के, टेनेट रिफ, लैड रिफ, ऐलिसन रिफ, डिस्कवरी ग्रेट रिफ, कॉनवॉलिस साउथ रिफ और बार्क कनाड़ा रिफ का समावेश हैं।

एक ही समय पर इतने बड़े मात्रा में निर्माण कार्य शुरू करके वियतनाम ने हम ‘स्प्रॅटली आयलैण्ड’ का अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे, यही संदेश चीन और अन्य देशों को दिया है, यह समझा जा रहा हैं। एक ओर यह निर्माण कार्य करते हुए वियतनाम ने अपनी रक्षा तैयारी के लिए भी ज़रूरी कदम बढ़ाए हैं। इससे पहले वियतनाम रक्षा सामान के लिए रशिया पर काफी निर्भर था। लेकिन, रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि  पर वियतनाम ने इसपर सोच विचार शुरू किया हैं और अमरीका, इस्रायल, भारत और यूरोपिय देशों से प्रगत हथियार खरीदने के संकेत दिए हैं। अमरीका से हेलीकॉप्टर्स, ड्रोन्स और आधुनिक जहाज़ खरीद ने के मुद्दे पर भी बातचीत शुरू हैं, यह सूत्रों ने कहा है।

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