सौदी-इस्रायल के सहयोग से अरब-इस्रायल संघर्ष खत्म होगा – इस्रायल के नियुक्त प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू

जेरूसलम – इस्रायल में सरकार स्थापित करने के बाद सौदी अरब के साथ पूरा राजनीतिक सहयोग स्थापित करने की कोशिश हम करेंगे। ऐसा हुआ तो पीछले कई दशकों से जारी अरब-इस्रायल संघर्ष खत्म हो जाएगा। साथ ही पैलेस्टिनियों के साथ शांति प्रक्रिया भी गतिमान होगी, ऐसा दावा इस्रायल के नियुक्त प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया है। सौदी के सहयोग के विषय पर बोलते हुए नेत्यान्याहू ने अमरीका के बायडेन प्रशासन से सौदी के ताल्लुकात सुधारने की गुहार लगाई।

पिछले कुछ महीनों से इस्रायल की सत्ता संभाल रहे बेनेट-लैपिड सरकार की विदेश नीति स्पष्ट ना होने की आलोचना हुई थी। इस सरकार ने ईरान विरोधी सख्त भूमिका अपनाना टाल दिया था। साथ ही अब्राहम समझौते का हिस्सा बने अरब देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए खास कोशिश भी नहीं की थी, ऐसी आलोचना हो रही थी और इसी बीच इस्रायल के जहाल विचारधारा के दलों को साथ मिलाकर सरकार गठित करने की तैयारी कर रहे बेंजामिन नेत्यान्याहू की अगली विदेश नीति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उत्सुकता बढ़ रही हैं।

पिछले महीने से विभिन्न माध्यमों से बातचीत करते हुए नेत्यान्याहू ने सौदी अरब के साथ सहयोग स्थापित करने की कोशिश करेंगे, ऐसा ड़टकर कहा हैं।‘अल अरेबिया’ नामक सौदी समाचार चैनल से बातचीत करते हुए भी नेत्यान्याहू ने सौदी के सहयोग का मुद्दा उठाया था। ‘सौदी से सहयोग करके दो उद्देश्य प्राप्त करना मुमकीन होगा। यह सहयोग शुरू हुआ तो सीधे अरब-इस्रायल संघर्ष खत्म होने से शांति स्थापित होगी और इससे किसी ने सोचा भी नहीं होगा, ऐसा बड़ा बदलाव इस क्षेत्र में देखा जाएगा’, यह दावा नेत्यान्याहू ने किया।

साथ ही इस्रायल और पैलेस्टिन की रुकी शांति वार्ता नए से शुरू होगी, यह भी नेत्यान्याहू ने कहा। यानी की अब इस्रायल के साथ सहयोग मे सुधार करने का निर्णय सौदी के नेतृत्व को करना हैं और हमारे विचार से वह यकिनन अब्राहम समझौते को पसंती दर्शाएंगे, यह विश्वास नेत्यान्याहू ने व्यक्त किया। सौदी के सहयोग की अहमियत रेखांकित करते हुए नेत्यान्याहू ने अमरीका के बायडेन प्रशासन को छेड़ा। ‘खाड़ी में अपने परंपरागत मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए अमरीका कटिबद्ध हैं, इसपर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन पुख्ता भूमिका अपनाए। सौदी से ताल्लुकात सुधारें’, ऐसी गुहार नेत्यान्याहू ने लगाई।

इस साक्षात्कार के माध्यम से इस्रायल के नियुक्त प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ईरान के साथ अमरीका को भी चेतावनी देते दिख रहे हैं। इस्रायल-सौदी सहयोग ईरान को चुनौति देने वाला साबित हो सकता हैं। साथ ही  बायडेन सौदी और अन्य अरब देशों के सुरक्षा का ज़िम्मा उठाएँ, यह कहकर ईरान के साथ हो रही बातचीत खत्म करें, यह आवाहन भी वह करते दिख रहे हैं।

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