उत्तराखंड़ की सीमा नेपाल और तिब्बत से जुड़ी है – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का चीन को संदेश

देहरादून – चीन अपनी भारत विरोधी गतिविधियों की तीव्रता बढ़ा रहा है और इसी बीच भारत के रक्षामंत्री ने चीन को जोरदार इशारा दिया| भारत के उत्तराखंड़ की सीमा नेपाल और तिब्बत से जुड़ी हुई है, ऐसा कहकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को सख्त संदेश दिया| जिसे फिलहाल भारत और चीन की सीमा या ‘एलएसी’ कहा जा रहा है, असल में वह भारत और तिब्बत की सीमा है| चीन ने तिब्बत पर अवैध कब्ज़ा करने के बाद यह भारत-चीन सीमा में तब्दिल हुई| भारत में मौजूद तिब्बती संगठन बारबार इसकी याद ताज़ा कराते हैं| रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसका अप्रत्यक्ष ज़िक्र करके भारत तिब्बत संबंधित अपनी नीति में बदलाव कर सकता है, इसका अहसास चीन को दिलाया है|

देहरादून में ‘सैन्य धाम’ का निर्माण किया जा रहा है और इसकी नींव रखने के समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोल रहे थे| इस दौरान पड़ोसी देशों को लेकर बयान करते हुए राजनाथ सिंह ने नेपाल का विशेष तौर पर ज़िक्र किया| ‘कुछ ताकतें भारत और नेपाल के संबंध बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं| लेकिन, किसी भी स्थिति में ऐसा होने नहीं दिया जाएगा’, यह कहकर रक्षामंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से चीन को लक्ष्य किया| चीन बीते कुछ सालों से नेपाल पर अपना प्रभाव बढ़ाकर वहां पर भारत विरोधी सरकार सत्ता में बिठाने की कोशिश कर रहा है| साथ ही नेपाल के कुछ नेताओं का इस्तेमाल करके चीन ने भारत को लक्ष्य करने की कोशिश की| लेकिन, यह साज़िश अब चीन पर ही पल्टी है और नेपाल की वर्तमान सरकार भारत से बेहतर सहयोग स्थापित करने की पहल कर रही है|

इस पृष्ठभूमि पर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और नेपाल के बीच बैर निर्माण करने वाली ताकतों को सफल होने ना देने का इशारा दिया है| साथ ही भारत के उत्तराखंड़ की सीमा नेपाल और तिब्बत से जुड़ी होने की बात कहकर तिब्बत से भारतीय नागरिकों का भावनिक नाता होने का बयान रक्षामंत्री ने किया|

तिब्बत के विषय में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने चीन का ज़िक्र नहीं किया| भारत ने अब तक तिब्बत चीन का ही हिस्सा होने की बात अधिकृत स्तर पर स्वीकारी थी| लेकिन, फिलहाल चीन अपनी भारतविरोधी गतिविधियॉं तीव्र कर रहा है और ऐसे में भारत अपनी इस नीति पर पुनविचार कर सकता है, यही संदेश रक्षामंत्री ने इसके ज़रिये दिया है| साथ ही चीन की आक्रामकता की भारत परवाह नहीं करेगा, यह संकेत भी रक्षामंत्री ने अपने भाषण में दिए| ‘भारत ने सीमा पर तैनात अपने सैनिकों के हाथ बांधे नहीं हैं| सीमा पर कुछ समय पहले निर्माण हुई स्थिति का भारतीय सेना ने बड़े धैर्य और वीरता से सामना किया| इसके लिए सेनाप्रमुख को हमने पूरी आज़ादी दी थी| कोई बुरी घटना घटी तो सरकार अपनी फौज़ का साथ देगी, यह विश्‍वास उन्हें दिलाया गया है’, ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने देश किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार होने का दावा किया|

‘रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत अब हमारे बीच नहीं रहे| लेकिन, हरएक के हृदय में और स्मृति में हमेशा रहेंगे| इस सैन्य धाम के मुख्य प्रवेशद्वार का नाम जनरल बिपीन रावत होगा’, यह ऐलान राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर किया| इसी बीच चीन को भारत सीधे इशारे दे रहा है और चीन की तिब्बत में सैन्य कार्रवाईयॉं प्रचंड़ मात्रा में बढ़ती जा रही हैं| चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी की तिब्बत में परमाणु, रासायनिक और जैविक युद्ध का अभ्यास करने की खबरें प्राप्त हुई है| इसकी पुष्टी हो नहीं पाई है| लेकिन, भारत पर दबाव ड़ालने के लिए चीन ने पहले भी युद्धाभ्यास किए थे| पर भारत ने इसकी परवाह किए बिना चीन को मुँहतोड़ प्रत्युत्तर देने की अपनी गतिविधियॉं जारी रखी थीं|

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