भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति में बांगलादेश का स्थान सबसे अहम – राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

नई दिल्ली/ढ़ाका – १६ दिसंबर, १९७१ के दिन पाकिस्तान को पूरी तरह से पराजित करके भारत ने बांगलादेश को आज़ादी दिलायी| इसके ५० वर्ष पूरे होने के अवसर पर बांगलादेश में आयोजित समारोह में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए| भारत और बांगलादेश के संबंध वैशिष्टय हैं और दूसरे किसी भी देश के साथ भारत के ऐसे संबंध नहीं हैं, ऐसा राष्ट्रपति कोविंद ने इस अवसर पर कहा| भारत की ‘नेबरहूड फर्स्ट’ नीति में बांगलादेश का असाधारण स्थान है और दोनों देशों के ताल्लुकात सार्वभौमता, विश्‍वास, समानता और जटिल समस्या भी परिपक्वता से संभालने की हद तक प्रगल्भ हैं, ऐसा राष्ट्रपति कोविंद ने कहा|

‘स्वर्णिम विजय दिवस’ अर्थात पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध की स्वर्ण जयंती के अवसर पर बांगलादेश और भारत में अलग अलग समारोहों का आयोजन किया गया| बांगलादेश के ढ़ाका में आयोजित समारोह में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया| इस दौरान बांगलादेश के राष्ट्रपति एम.अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसिना भी मौजूद थे| भारत के तीनों रक्षाबलों के १२२ सदस्यों का दल इस असवर पर आयोजित सैन्य परेड में शामिल हुआ था| इस परेड में रशिया और भूटान के सैन्य दल भी शामिल थे|

इस समारोह में राष्ट्रपति कोविंद ने भारत और बांगलादेश जैसे संबंध अन्य देशों के बीच नहीं हो सकते, यह कहकर इसकी अहमियत रेखांकित की| भारत और बांगलादेश इतिहास, भाषा, अध्यात्मिकता और संस्कृति से जुड़े हैं| इसी कारण यह संबंध वैशिष्टपूर्ण साबित होते हैं, यह भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने वार्तापरिषद में स्पष्ट किया|

भारत के पश्‍चिम बंगाल में स्थित सिलिगुड़ी से बांगलादेश के दिनाजपुर जिले के पर्बतीपुर के बीच १३० किलोमीटर की ईंधन पाइपलाईन का निर्माण किया जा रहा है| इसके ज़रिये हर वर्ष दस लाख मेट्रिक टन ईंधन तेल की आपूर्ति होगी, यह जानकारी श्रृंगला ने प्रदान की|

कुल ३४६ करोड़ रुपयों का यह प्रकल्प ‘इंडिया-बांगलादेश फ्रेंडशिप पाईपलाईन प्रोजेक्ट’ के नाम से जाना जाएगा| इस प्रकल्प के तहत असम के नुमालिगड़ में स्थित तेलशुद्धीकरण प्रकल्प से बांगलादेश को ईंधन निर्यात किया जाएगा, ऐसा श्रृंगला ने कहा| साथ ही भारत ने बांगलादेश को अब तक प्रदान किए गए भारी आर्थिक सहयोग की जानकारी भी श्रृंगला ने इस अवसर पर साझा की|

इसी बीच, भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने १९७१ के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान पर पाया हुआ विजाय तो देश के सैन्य इतिहास का स्वर्ण पर्व होने का बयान किया| देश को अपने रक्षाबलों के इस पराक्रम का अभिमान है, ऐसा कहकर राजनाथ सिंह ने इस युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी|

बांगलादेश और भारत में स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर कई समारोहों का आयोजन हो रहा था तभी, पाकिस्तान में निराशा और शोक का माहौल फैला हुआ था| पाकिस्तान का मजाक उडाने के लिए भारत और बांगलादेश इन समारोहों का आयोजन कर रहे हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के भारत द्वेषी पत्रकार कर रहे हैं|

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