अमरीका खाड़ी क्षेत्र में हस्तक्षेप न करे – ईरान के विदेश मंत्रालय की चेतावनी

तेहरान – ‘खाड़ी क्षेत्र में अमरीका का प्रभाव कमज़ोर हो रहा है और इस क्षेत्र में नई व्यवस्था स्थापित हो रही है। ऐसे में पनडुब्बी, विध्वंसक और बॉम्बर विमान रवाना करके अमरीका जंगबाज़ी कर रही है। इससे अमरीका का प्रभाव वर्णित क्षेत्र में नहीं बढ़ेगा। इसकी वजह से अमरीका अब इस क्षेत्र में हस्तक्षेप न करे’, ऐसी चेतावनी ईरान के विदेश मंत्रालय ने दी। साथ ही इस्रायल के बचाव के लिए अमरीका पश्चिमी एशिया या पर्शियन खाड़ी में दखलअंदाजी करना भी छोड़ दे, ऐसी चेतावनी ईरान ने दी है।

पिछले कुछ हफ्तों से सौदी अरब और ईरान के ताल्लुकात सामान्य करने की गतिविधियां तेज़ हो रही हैं। पिछले हफ्ते बीजिंग में सौदी और ईरान के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हुई। इसके बाद जल्द ही अपने दूतावास शुरू करने का ऐलान दोनों देशों ने किया। चीन की मध्यस्थता से सौदी-ईरान सहयोग स्थापित हो रहा है और ईरान अब यूएई, बहरीन एवं अन्य अरब मित्र देशों से संबंध सुधारने की कोशिश करेगा। पिछले महीने की इन गतिविधियों के कारण चीन का खाड़ी क्षेत्र में प्रभाव बढ़ने का दावा अमरीका के नेता एवं अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं।

पिछले साल चीन ने सौदी एवं अन्य अरब मित्र देशों से सहयोग बढ़ाने के लिए बड़ा ऐलान किया था। साथ ही चीन और खाड़ी देश डॉलर पर आधारित ईंधन कारोबार आगे ‘युआन’ के ज़रिये करने के संकेत दे रहे हैं। बायडेन प्रशासन की गलत नीति के कारण अमरीका ने सौदी और अरब मित्र देशों का भरोसा खो दिया है। ऐसे में खाड़ी में चीन की ‘एन्ट्री’ होना और ईंधन कारोबार से अमरिकी डॉलर को हटाकर चीन के युआन को बढावा देना अमरीका का खाड़ी क्षेत्र में घटता हुआ प्रभाव दर्शाता है, ऐसी आलोचना अमरिकी नेता कर रहे हैं।

ऐसी स्थिति में पिछले हफ्ते अमरीका ने पर्शियन खाड़ी के लिए ‘यूएसएस फ्लोरिड़ा’ परमाणु पनडुब्बी रवाना की। अमरिकी रक्षा विभाग ने पहली बार १५४ टॉमहॉक मिसाइलों से लैस इस पनडुब्बी की खाड़ी में तैनाती की जानकारी सार्वजनिक की थी। साथ ही इस क्षत्र में अमरीका और मित्रदेशों के हितों की सुरक्षा के लिए यह तैनाती होने का ऐलान किया गया। अमरीका की इस तैनाती पर ईरान के विदेश मंत्रालय ने कड़ी आलोचना की।

पर्शियन खाड़ी में परमाणु पनडुब्बी तैनात करके अमरीका रोब दिखा रही है, ऐसा आरोप ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कानी ने लगाया। साथ ही इस क्षेत्र में घटता हुआ अपना प्रभाव फिर से बढ़ाने के लिए अमरीका ने यह तैनाती की, ऐसा दावा कानी ने किया। लेकिन, इस तैनाती के कारण अमरीका का इस क्षेत्र में प्रभाव नहीं बढ़ेगा, ऐसा उन्होंने कहा। खाड़ी में नई व्यवस्था स्थापित हुई है और अमरीका अब यह सच्चाई स्वीकार ले, ऐसी फटकार ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने लगाई।

इसी बीच, अमरीका की ईरान संबंधी भूमिका पर इस्रायल ने भी चिंता जताई है। अमरीका के समर्थन के बिना इस्रायल ईरान पर हमले करेगा, यह ऐलान इस्रायल ने किया था। लेकिन, अमरीका के समर्थन के बिना इस्रायल ईरान की ताकत के सामने काफी छोटा साबित होगा, ऐसा दावा ईरान के सेनाप्रमुख मेजर जनरल अब्लोलरहीम मुसावी ने किया।

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