यूरोपिय देशों में प्रगत परमाणु अस्त्र तैनात करने के लिए अमरीका की गतिविधियाँ

वॉशिंग्टन – रशिया ने परमाणु हमले को लेकर दिए बयानों की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने यूरोपिय देशों में प्रगत परमाणु अस्त्र तैनात करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। अमरीका ने विकसित किए ‘बी-६१ ग्रैविटी न्युक्लियर बॉम्ब्स’ अगले दो महीनों में यूरोपिय देशों में तैनात किए जाएंगे, ऐसी जानकारी ‘पॉलिटिको’ नामक वेबसाइट ने साझा की हैं। अमरीका ने यूरोप के छह देशों के ठिकानों पर परमाणु अस्त्र रखे हैं और इन सभी अड्डों पर नए परमाणु बम भेजे जाएँगे, ऐसा अमरिकी वेबसाइट ने कहा है।

कुछ दिन पहले यूरोप में नाटो के रक्षामंत्री की बैठक हुई। इस बैठक में अमरीका ने प्रगत परमाणु बम तैनात करने का मुद्दा उठाया। रशिया परमाणु हमला करने की संभावना बढ़ने का बयान करके नई तैनाती का समर्थन किया गया, ऐसा सूत्रों ने कहा। नाटो ने किसी भी स्थिति में रशिया दे रही परमाणु हमलों से बिना ड़रे अपनी तैयारी रखनी होगी, ऐसी माँग इस बैठक मे मौजूद कुछ देशों ने बड़े आग्रह से रखने की बात सामने आयी है।

नाटो गुट में अमरीका के अलावा ब्रिटेन और फ्रान्स यह देश परमाणु अस्त्र रखते हैं। लेकिन, यह परमाणु अस्त्र अमरीका ने प्राप्त किए ‘बी-६१ ग्रैविटी न्युक्लियर बॉम्बस्‌’ की तरह प्रगत ना होने की बात कही जाती है। इस वजह से अमरीका ने यूरोप के परमाणु अड्डों पर दो महीनों में नए परमाणु अस्त्र तैनात करने का निर्णय किया है, ऐसा इस वेबसाईट ने अपने वृत्त मे कहा हैं।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अपने ‘न्युक्लियर फोर्सेस’ को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया था। कुछ दिन पहले उन्होंने हम परमाणु हमले की दे रहे धमकी खोखली ना होने की चेतावनी भी दी थी। रशिया के पूर्व अधिकारी और विश्‍लेषकों ने यह बयान किया था कि, रशियन परमाणु अस्त्र यूरोप को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं। इस वजह से पश्‍चिमी देशों में ड़र का माहौल बना हैं।
इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने रशिया के हो रहें ड्रोन हमलों की तीव्रता बढ़ने का दावा किया। पिछले दो दिनों में रशिया ने ३० ड्रोन हमले किए, ऐसा दावा झेलेन्स्की ने किया।

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