ईरान में जारी प्रदर्शनों की तीव्रता बढ़ी

तेहरान – ईड़ान की राजधानी तेहरान से करीबन ५०० किलोमीटर दूरी पर स्थित झाहेदान शहर में प्रदर्शनकारी और सुरक्षा यंत्रणाओं की मुठभेड़ होने का वृत्त हैं। ईरान की यंत्रणाओं ने इस खबर की पुष्टी नहीं की है। लेकिन, इस मुठभेड़ के वीडियो सामने आए हैं और इसमें गोलीबारी की स्पष्ट आवाज़ भी सुनाई दे रही है। इसकी वजह से अब हिज़ाब सक्ति के विरोधी हो रहें ईरान के प्रदर्शनों इन को अब पूरे देश में समर्थन प्राप्त होने की बात फिर से साबित हुई है। ईरान के करीबन १२५ शहरों में प्रदर्शन हुए हैं और अबतक करीबन २७० लोग मारे गए हैं। इसके अलावा ईरान की यंत्रणा ने गिरफ्तार किए प्रदर्शनकारियों की संख्या १४ हज़ार से भी अधिक हुई हैं। लेकिन, ईरान की सरकार अभी भी इन प्रदर्शनों के पीछे विदेशी साज़िश होने का आरोप लगाकर प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का समर्थन कर रही हैं।

झाहेदान शहर के प्रार्थनास्थान के क्षेत्र में ईरान की सुरक्षा यंत्रणा और प्रदर्शनकारियों की मुठभेड़ हुई। इसका पुरा ब्यौरा अभी प्राप्त नहीं हुआ हैं, फिर भी प्रदर्शनकारी ईरानी सुरक्षा यंत्रणा के सैनिकों से टकराने के वीडियोज्‌‍ सामने आए हैं। ईरान की यंत्रणा ने झाहेदान शहर में हो रहें प्रदर्शनों को कुचलने के लिए निर्दयता से कार्रवाई की थी और यहां पर ३० सितंबर से अबतक सौ से भी अधिक लोग मारे गए हैं, ऐसा दावा यहां के कार्यकर्ता कर रहे हैं। इनके इस दावे की पुष्टी नहीं हो सकी हैं। लेकिन, शुक्रवार की घटना की वजह से स्थानीय जनता ईरान की सुरक्षा यंत्रणा पर काफी गुस्सा होने की बात स्पष्ट दिख रही है।

झाहेदान शहर ईरान के बलोचिस्तान प्रांत का हिस्सा है और यह क्षेत्र राजधानी तेहरान से ५०० किलोमीटर दूरी पर है। इसके साथ ही ईरान में हो रहें प्रदर्शनों का दायरा विश्व को दिखाई दिया हैं। अबतक ईरान के करीबन १२५ शहरों में हिज़ाब सक्ती और ईरानी हुकूमत विरोधी प्रदर्शन हुए हैं और शुरू के दिनों में सीर्फ बड़े शहर और युनिवर्सिटीज्‌‍ तक सीमित रहें यह प्रदर्शन अब अधिक से अधिक व्यापक और तीव्र हो रहे हैं। इसका केंद्र ईरान के युनिवर्सिटीज्‌‍ में होने का दावा किया जा रहा हैं और इन युनिवर्सिटीज्‌‍ से जुड़ा सुशिक्षित और बुद्धिमान वर्ग ईरान की हुकूमत पर गुस्सा हुआ हैं। उद्योगक्षेत्र और अन्य बड़े उपक्रमों में अधिकार पदों के वर्ग का समर्थन प्राप्त होने से यह प्रदर्शन अधिक तीव्र हुए हैं।

ऐसी स्थिति में सख्त कार्रवाई करके प्रदर्शनों को कुचलने की ईरानी यंत्रणाओं ने अपनाई नीति पर तीखीं प्रतिक्रियाएँ सामने आने लगी हैं। हिरासत में होनेवाले प्रदर्शनकारियों को एवं उनके परिवार से ईरान की यंत्रणा अच्छा बर्ताव नहीं कर रही हैं और उनपर अन्याय होने की आलोचना मानव अधिकार संगठन कर रही हैं। इस वजह से उभरे असंतोष का सामना ईरान की हुकूमत को करना पड़ रहा हैं। लेकिन, ईरान की हुकूमत ने इन प्रदर्शनों का संबंध ईरानविरोधी विदेशी शक्तियों की बनी साज़िश से जोड़ने के प्रयास शुरू किए हैं। ईरान के शिराझ्ा शहर के प्रार्थनास्थान में गोलीबारी करके एक आतंकियों ने १५ लोगों को मार गिराया था। मानव अधिकारों के समर्थन में खड़े होनेवाले इस आतंकी हमले पर बयान क्यो नहीं करते, ऐसा सवाल ईरान की यंत्रणाओं ने किया है।

एक ही दिन पहलें ईरान के धर्मगुरू आयातुल्लाह खामेनी ने अपने देश के खिलाफ बनाई साज़िश के विरोध में सुरक्षा यंत्रणा, न्याय व्यवस्था और माध्यम जगत के सब लोगो एकजूट करें, ऐसा आवाहन किया था। इस वजह से इन प्रदर्शनकारियों की माँगो पर चर्चा या बातचीत करने की संभावना ही ईरान की हुकूमत खत्म करती दिख रही हैं। आनेवाले समय में सीर्फ कार्रवाई के ज़रिये ही इन प्रदर्शनों को कुचलना मुमकिन होगा, ऐसा विश्वास ईरान की यंत्रणा रखती है, यह संकेत भी इससे प्राप्त हो रहे हैं।

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