अमरिकी सेना और एशिया के मित्र देश जंग के लिए तैयार हैं – वरिष्ठ अमरिकी सेना अधिकारी की चीन को चेतावनी

अमरिकी सेना और एशियावॉशिंग्टन/टोकियो – पिछले कई सालों से बढ़ रहा रक्षा सहयोग और युद्धाभ्यास के माध्यम से अमरिकी सेना और एशिया में स्थित अमरीका के मित्रदेश जंग के लिए तैयार हुए हैं, ऐसी चेतावनी अमरीका के वरिष्ठ सेना अधिकारी मेजर जनरल जोसेफ रायन ने दी। एशिया में नाटो की तरह सैन्य गुट बना नहीं हैं, फिर भी विभिन्न समझौते और सामरिक भागीदारी की वजह से क्षेत्रिय सुरक्षा का गुट बना है, ऐसा दावा भी रायन ने किया। रायन का यह बयान चीन और उत्तर कोरिया की पैसिफिक क्षेत्र में शुरू आक्रामक हरकतों पर दी हुई चेतावनी होने की बात कही जा रही है। अमरिकी अधिकारी ने अपने बयान में जापान, फिलिपाईन्स और ऑस्ट्रेलिया का ज़िक्र किया है। रायन यह चेतावनी दे रहे थे तभी जापान और फिलिपाईन्स ने व्यापक रक्षा समझौता करने का वृत्त सामने आया है।

अमरिकी सेना और एशियारशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन एवं उत्तर कोरिया की हरकतें अधिक आक्रामक हो रही हैं और अगला युद्ध इसी पैसिफिक क्षेत्र में होगा, ऐसी चेतावनियां लगातार दी जा रही हैं। चीन द्वारा ताइवान को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। वही, उत्तर कोरिया परमाणु मिसाइलों के साथ नए बैलेस्टिक मिसाइलों के परीक्षण कर रहा हैं। इस वजह से एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में तनाव बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। जापान और दक्षिण कोरिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय व्यासपीठ पर बार बार इस क्षेत्र की सुरक्षा का मुद्दा उठाया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी ने युद्ध तैयारी पर जताया विश्वास ध्यान आकर्षित कर रहा है।

मेजर जनरल रायन हवाई द्वीपों पर मौजूद अमरिकी सेना के ‘२५ इन्फैंट्री डिविजन’ के प्रमुख कमांडर हैं। कुछ दिन पहले अमरीका और फिलिपाईन्स के बीच हुए रक्षा समझौते के लिए उन्होंने फिलिपाईन्स की यात्रा की थी। इसके बाद उन्होंने चीन और उत्तर कोरिया का खतरा और इसके विरोध में अमरिकी नेतृत्व में तैयार हो रहे गुट पर अपनी भूमिका रखी। ‘एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के कुछ देश वैश्विक व्यवस्था बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके विरोध में फिलिपाईन्स, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे अमरीका के सहयोगी देशों ने अच्छी इच्छाशक्ति दिखाकर गुट तैयार करने की कोशिश की है। आक्रामक गतिविधियां कर रहे देशों के विरोध में चुप नहीं बैठेंगे, यह स्पष्ट संदेश अमरीका के मित्र देशों ने दिया है’, इसपर मेजर जनरल रायन ने ध्यान आकर्षित किया।

एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के अमरिकी मित्र देश और भागीदारों ने चीन एवं उत्तर कोरिया के उकसावे के विरोध में पुख्ता भूमिका अपनाई हैं। इन देशों ने अपनाई नीति चौका रही है, ऐसा दावा अमरिकी अधिकारियों ने किया। साथ ही रशिया-यूक्रेन युद्ध में रशिया को लगे झटकों के कारण चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों को उचित चेतावनी मिली है, यह भी उन्होंने कहा।

इसी बीच जापान और फिलिपाईन्स के बीच अहम रक्षा समझौते पर सहमति होने का वृत्त सामने आया है। इस समझौते के अनुसार दोनों देशों के रक्षाबल एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तमाल कर सकेंगे। चीन की विस्तारवादी हरकतों को रोकने के लिए यह बात बड़ी अहम है, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है।

चीन से ताइवान और अन्य देशों को होने वाले खतरे के विरोध में अमरीका ने विभिन्न स्तरों पर कदम उठाना शुरू किया है। संयुक्त युद्धाभ्यास इसी का एक हिस्सा समझा जाता है। अमरीका के मित्र देश ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया का नेवाडा प्रांत में व्यापक हवाई युद्धाभ्यास शुरू होने का वृत्त माध्यमों ने दिया है। ‘रेड फ्लैग’ नामक इस युद्धाभ्यास में अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के लड़ाकू विमान शामिल हुए हैं। इस युद्धाभ्यास के बाद अगले हफ्ते जापान और अमरीका के ‘आयर्न फिस्ट’ नामक एम्फिबियस युद्धाभ्यास शुरू होगा।

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