अमरीका-ईरान की कतार में परमाणु समझौते पर नए से चर्चा

तेहरान/दोहा – वियना की बातचीत में असफलता को अनदेखा करके अमरीका और ईरान परमाणु समझौते के लिए नए से कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार से कतार की राजधानी दोहा में यूरोपिय महासंघ की मध्यस्थता से अमरीका-ईरान की प्रत्यक्ष नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष चर्चा शुरू हो रही है। साल २०१५ के परमाणु समझौते को बचाने के लिए अमरीका और ईरान के सामने यह आखरी अवसर होने की बात कही जा रही है। इस बातचीत के लिए पहल कर रहे यूरोपिय महासंघ पर इस्रायल ने तीखी आलोचना की है।

ज्यो बायडेन ने पिछले साल अमरीका की बागड़ोर संभालने के बाद ईरान के साथ परमाणु समझौते की बातचीत शुरू की थी। सन २०२१ के अप्रैल में वियना में शुरू हुई यह बातचीत मार्च २०२२ तक जारी थी। इसे सफलता मिलने की खबरें प्रसिद्ध हुई थीं। बायडेन प्रशासन ने ईरान की माँगे स्वीकारी, ऐसा दावा अमरिकी अधिकारियों ने कहा था। इसके अलावा यह परमाणु समझौता आखरी चरण में होने के संकेत अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दिए थे। लेकिन, इसे इस्रायल ने तीव्र विरोध करने के बाद अमरीका इस समझौते से पीछे हटने के लिए मबूर हुई, ऐसा दावा माध्यमों ने किया था। इस वजह से वियना की बातचीत असफल होने की कबूली यूरोपिय महासंघ के कुछ अधिकारियों ने दी थी।

ऐसी स्थिति में पिछले हफ्ते यूरोपिय महासंघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने ईरान का दौरा किया। बोरेल ने ईरान के नेतृत्व से भेंट की। साथ ही जल्द ही परमाणु समझौते की नई चर्चा शुरू होगी, ऐसा ऐलान भी किया था। इसके बाद अमरिकी, यूरोपिय और कतार के माध्यमों ने साल २०१५ का परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए नए से चर्चा शुरू होने की खबर प्रसिद्ध की। यूरोपिय महासंघ की मध्यस्थता से यह बातचीत शुरू हो रही है, ऐसा कतार के माध्यमों का कहना है। अमरीका और ईरान ने इस वृत्त की पुष्टि की। परमाणु समझौते की बातचीत के लिए ईरान द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि अली बाघेरी कानी मंगलवार को दोहा के लिए रवाना किए। इसके अलावा अमरीका के विशेषदूत रॉबर्ट मैली भी जल्द ही कतार पहुँच रहे हैं।

इसी बीच, इस्रायल के विदेशमंत्री येर लैपिड ने ईरान का दौरा कर रहे जोसेप बोरेल की आलोचना की है। ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए पहल कर रहे बोरेल को इस्रायली नागरिकों के प्राणों की बिल्कुल परवाह ना होने की आलोचना विदेशमंत्री लैपिड ने की। नई बातचीत के ज़रिये पश्चिमी देश ईरान को काफी गलत संदेश दे रहे हैं, ऐसी आलोचना लैपिड ने की। कुछ भी पर ईरान को परमाणु बम से सज्जित होने नहीं देंगे, यह ऐलान इस्रायल ने पहले ही किया था। साथ ही ईरान विरोधी सैन्य कार्रवाई का विकल्प खुला होने की चेतावनी भी इस्रायल ने इस दौरान दी थी।

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