‘फेक न्यूज’ के विरोध में अमरिकी रक्षा विभाग की मुहिम

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: ‘वर्ष २०२० में हो रहे राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनावी प्रचार मुहिम में मै ‘फेक न्यूज नेटवर्क्स’ के कार्यक्रमों में शामिल नही होउंगा’, यह कडी चेतावनी अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ महीनों पहले दिया था| अमरिकी प्रसारमाध्यम एवं ‘सोशल मीडिया’ पर प्रसिद्ध हो रही झुठी जानकारी के विरोध में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष दिखाए इस रवैये ने अच्छी खासी सनसनी फैलाई थी| ट्रम्प की इस भूमिका के पृष्ठभूमि पर वर्ष २०२० एवं उसके बाद भी प्रसिद्ध होनेवाली ‘फेक न्यूज’ और झुठी जानकारी पर रोक लगाने के लिए अमरिका के रक्षा विभाग ने स्वतंत्र मुहिम हाथ में ली है|

‘फेक न्यूज’ और झुठी जानकारी से भरें सोशल मीडिया की पोस्टस् देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक होने की बात रक्षा विभाग ने स्पष्ट की है| इस वजह से उन्हें रोकने के लिए रक्षा विभाग ने ‘सेमान्टिक फॉरेन्सिक्स प्रोग्राम’ (सेमाफॉर) नाम से स्वतंत्र मुहिम हाथ में ली है| इसकी जिम्मेदारी रक्षा विभाग के अनुसंधान की जिम्मेदारी संभार लहे ‘डिफेन्स एडव्हान्सड् रिसर्च प्रोजेक्टस् एजन्सी’ (दार्पा) पर दी गई है| इस मुहिम के तहेत ‘दार्पा’ एक सॉफ्टवेअर का निर्माण कर रही है|

‘दार्पा’ के इस सॉफ्टवेअर में करीबन पांच लाख समाचार, फोटो, व्हिडिओ, ऑडिओ क्लिप्स में से ‘फेक न्यूज’ और झुटी जानकारी खोजने की क्षमता होगी, यह जानकारी सूत्रों ने दी है| इसके लिए अल्गोरिदम्स का इस्तेमाल किया जाएगा, यह जानकारी भी दी गई है| इस सॉफ्टवेअर का चार वर्षोंतक परीक्षण किया जाएगा और इसमें सफलता प्राप्त होने पर इसका दायरा बढाया जाएगा, यह कहा जा रहा है|

अमरिका में कई यंत्रणा और अधिकारी अगले वर्ष हो रहे चुनाव के दौरान ‘फेक न्यूज’ और झुठी जानकारी फैलने से रोकने की कोशिश कर रहे है| इस पृष्ठभूमि पर रक्षा मंत्रालय के प्रमुख विभाग के हाथ ‘फेक न्यूज’ और झुठी जानकारी फैलने पर रोक लगाने की जिम्मेदारी देना ध्यान आकर्षित करता है| पिछले कुछ वर्षों में अमरिका, यूरोप समेत कई देशों में ‘फेक न्यूज’ रोकने के लिए कई मुहिम चला रहे है और इसमें पत्रकार विश्‍लेषक और तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है|

डोनाल्ड ट्रम्प का वर्ष २०१६ में राष्ट्राध्यक्ष पद पर चुनाव होने के बाद कुछ ही महीनों में अमरिका के प्रमुख प्रसार माध्यमों ने उनपर तीव्रता से आलोचना करना शुरू किया था| इनकी इस आलोचना का जवाब देते समय राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘फेक न्यूज’ यानी झुठी खबरें देनेवाले अमरिकी जनता के सबसे बडे शत्रु साबित होते है, इन शब्दों में प्रसार माध्यमों को फटकार लगाई थी| अमरिका की माध्यम झुठी खबरें देकर जनता को गुमराह कर रहे है और इन माध्यमों ने विश्‍वासार्हता गंवाई है, यह भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा था|

साथ ही ट्रम्प के विरोधक और अमरिका के ‘डीप स्टेट’ के तौर पर पहचाने जा रहा गुट प्रसार माध्यम एवं सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रम्प की हुकूमत का तख्तापलट करने की कोशिश कर रहा है, यह दावे भी पहले ही प्रसिद्ध हुए थे| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प एवं राष्ट्रवादी गुट का प्रचार रोकने के लिए नामांकित निवेशक जॉर्ज सोरस से निधी प्राप्त कर रही स्वयंसेवी संगठनों ने ‘सोशल मीडिया’ पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्लैन तैयार किया था, यह बात भी सामने आ चुकी थी|

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