अमरिका-तालिबान बातचीत खतम हुई – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया ऐलान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: ‘मेरे लिए तालिबान के साथ हो रही बातचीत का मुद्दा खतम हुआ है’, यह ऐलान अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है| साथ ही पिछले दस दिनों में हजार तालिबानी आतंकियों को मारा गया है, यह कहकर अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने इससे पहले इतनी कडी कार्रवाई हुई नही थी, इस ओर ध्यान आकर्षित किया| इस वजह से १८ वर्षों से अफगानिस्तान में शुरू आतंकवाद विरोधी युद्ध और भी तेज होने की बात दिखाई दे रही है|

अमरिका के साथ बातचीत शुरू होते हुए तालिबान ने शक्ति प्रदर्शन करने के लिए हमलें शुरू रखे थे| दो दिन पहले राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान के साथ बातचीत रद्द करने का ऐलान किया| इस पर तालिबान की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और इस निर्णय से अमरिका का ही नुकसान होगा, ऐसा तालिबान ने कहा है| इसके बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस बातचीत का मुद्दा मेरे लिए ‘खतम’ हुआ है, यह दावा किया| अमरिका तालिबान के साथ फिर से बातचीत करने की कोशिश करेगी, यह कडी संभावना होने की उम्मीद पाकिस्तानी विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है| किसी भी स्थिति में अमरिका में होनेवाले चुनाव से पहले अफगानिस्तान में तैनात सेना पीछे लेने के लिए अमरिका को तालिबान से बातचीत करनी ही होगी, यह अंदाजा इस दावे के पीछे है| लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह मुद्दा ही खतम किया है|

पिछले दस दिनों में हजार तालिबानी मारे गए है, यह जानकारी देकर अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने पिछले दस वर्षों में इतनी कडी कार्रवाई हुई नही थी, इसकी याद दिलाई| अफगानिस्तान की यात्रा कर रहे अमरिकन मरिन्स के जनरल केनिथ मैकेन्झी ने तालिबान पर इससे भी अधिक आक्रामक कार्रवाई शुरू होगी, यह ऐलान किया| इससे अगले समय में तालिबान पर अमरिका और अफगान सेना के हमलें तेज होने की बात दिखाई देने लगी है| अपनी ताकद के भ्रम में रहकर तालिबान ने अमरिका को चुनौती देने की काफी बडी गलती की है| इसका झटका अब पाकिस्तान को लगेगा, यह चिंता इस देश के विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है|

तालिबान ने अपने साथ पाकिस्तान को भी खतरे में फंसाया है| तालिबान के साथ हो रही अमरिका की बातचीत नाकामयाब होने से अफगानिस्तान की पाकिस्तान विरोधी सरकार और भारत को बडा संतोष हो रहा होगा, यह आलोचना भी यह पाकिस्तानी विश्‍लेषक कर रहे है| इसी बीच चीन ने अमरिका और तालिबान की बातचीत दुबारा शुरू करने के लिए निवेदन किया है| इस वजह से पाकिस्तान और चीन के हितसंबंध इस बातचीत में होने की बात तीव्रता से सामने आ रही है| ऐसे में भारत ने तालिबान पर भरौसा करके अमरिका ने अफगानिस्तान से सेना हटाना खतरनाक साबित होगा, यह इशारा दिया था|

सिर्फ कुछ ही हफ्तों में तालिबान ने अफगानिस्तान में भीषण आतंकी हमलों का सत्र शुरू करके भारत ने दिया इशारा सच्चाई में उतराया था| इस वजह से तालिबान के वादों पर निर्भर रहकर अफगानिस्तान से सेना पीछे हटाने की ट्रम्प प्रशासन की प्लैनिंग अव्यवहार्य साबित होने की बात स्पष्ट हुई है| इसके बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपनी भूमिका में पूरी तरह से बदलाव किया है और जल्द ही अफगानिस्तान में तालिबान के विरोध में अमरिका नई लष्करी मुहीम शुरू करेगी, यह दिख रहा है| इससे अफगानिस्तान के युद्ध में अपनी जीत होने का दावा कर रहे तालिबान और उसके पाकिस्तान में रहनेवाले समर्थक डर से कांपने लगे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.