तैवान संबंधित चीन के किसी भी निर्णय में अमरीका हस्तक्षेप नहीं कर सकती – लष्करी प्रवक्ता का इशारा

बीजिंग/वॉशिंग्टन/तैपेई – तैवान के मुद्दे पर चीन द्वारा किए जानेवाले निर्णय में अमरीका हस्तक्षेप नहीं कर सकती, ऐसा इशारा चीन के लष्करी प्रवक्ता ने दिया है। साथ ही तैवान के सामने चीन में विलय होने का एकमात्र विकल्प है और तैवान की आज़ादी युद्ध का न्यौता साबित होगा, यह इशारा भी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकिआंग ने दिया। अमरिकी सिनेटर्स का तैवान दौरा, कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति एवं इसके बाद विध्वंसक की गश्‍त से चीन बेचैन हुआ है और चीन की यह नई धमकी इसी की प्रतिक्रिया होने की बात दिख रही है। 

‘चीन द्वारा तैवान के मुद्दे पर जारी गतिविधियों को कोई भी रोक नहीं सकता। अमरीका यह बात ध्यान में रखे। साथ ही अमरीका और तैवान के बीच राजनीतिक स्तर पर किसी भी प्रकार का आदान-प्रदान या लष्करी संबंधों को चीन का कड़ा विरोध रहेगा, यह बात भी ध्यान में रखे’, ऐसा इशारा चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता गुओकिआंग ने किया। तैवान के सामने चीन में विलय होने का एकमात्र विकल्प है और तैवान की आज़ादी यानी युद्ध का न्यौता होगा। इसके लिए अमरीका से सहायता नाकाम साबित होगी, इन शब्दों में चीनी प्रवक्ता ने धमकाया है।

इस बार चीन ने तैवान की सीमा में अपने विमानों की घुसपैठ का भी समर्थन किया। तैवान के समुद्री क्षेत्र की स्थिति को ध्यान में रखकर एवं संप्रभुता की सुरक्षा के लिए चीन के लड़ाकू विमानों ने युद्धाभ्यास किया था, यह दावा रक्षा प्रवक्ता रेन गुओकिआंग ने किया। बीते हफ्ते चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के २८ विमानों ने तैवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करने की बात स्पष्ट हुई थी। चीनी विमानों की अब तक की घुसपैठ में यह सबसे बड़ी घुसपैठ साबित हुई थी।

फिलहाल अमरीका और चीन के बीच जोरदार तनाव निर्माण हुआ है और तैवान इसमें प्रमुख मुद्दा है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने वर्ष २०१९ में एक कार्यक्रम के दौरान खुलेआम तैवान पर कब्ज़ा करने के लिए सभी विकल्पों का इस्तमाल करने का इशारा दिया था। इसके बाद अमरीका ने अपनी नीति आक्रामक करके तैवान के समुद्री क्षेत्र में अपनी लष्करी गतिविधियाँ बढ़ाईं थी। इसे राजनीतिक दौरे एवं अन्य निर्णयों को जोड़कर अमरीका ने तैवान मुद्दे पर चीन को चुनौती देने की अपनी कोशिश जारी रखी है।

इस महीने के शुरू में ही अमरीका के तीन सिनेटर्स ने तैवान की यात्रा की थी। इसके बाद ‘जी ७’ एवं ‘नाटो’ की बैठकों में अमरीका के साथ अन्य प्रमुख देशों ने चीन की आलोचना करके तैवान को खुला समर्थन दर्शाया था। अमरीका ने तैवान को कोरोना के लाखों टीके देने का ऐलान भी किया है। इसके बाद अमरीका की विध्वंसक ने तैवान के करीबी समुद्री क्षेत्र में गश्‍त लगाने की जानकारी भी सामने आयी थी। अमरीका ने तैवान के लिए शुरू की हुई इन गतिविधियों की वजह से चीन की अधिक बौखलाया हुआ है और लष्करी स्तर पर अधिक आक्रामक बयानबाजी करने की बात दिख रही है।

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