संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा के अध्यक्ष भारत यात्रा पर

नई दिल्ली – संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी तीन दिन भारत यात्रा पर आए हुए हैं। चार महीने पहले राष्ट्र संघ की ७७वीं आम सभा का अध्यक्ष पद स्वीकारने के बाद कोरोसी का यह पहला दौरा है और इसके लिए उन्होंने भारत का चयन किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने उनके इस निर्णय का स्वागत किया है। भारत आने से पहले कोरोसी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में मौजूदा विश्व की छबि नहीं है, ऐसा स्पष्ट बयान किया है। भारत ने भी इस मुद्दे पर बार-बार ध्यान आकर्षित करके सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए अपना दावा किया था। इसकी वजह से कोरोसी अब भारत की ही भूमिका रखते दिख रहे हैं। साथ ही बड़ी उम्मीद से हम भारत दौरे पर जा हो रहे हैं, ऐसा कोरोसी ने कहा है।

हंगरी के पूर्व राजनीतिक अधिकारी रहे और सितंबर में राष्ट्रसंघ की आम सभा के अध्यक्ष बने कोरोसी के इस दौरे की अहमियत बढ़ी है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कोरोसी को भारत यात्रा का न्योता दिया था। अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए कोरोसी ने भारत का चयन करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की अहमियत रेखांकित की है। भारत ‘ग्लोबल साउथ’ का नेतृत्व करने वाला देश है, यह कहकर कोरोसी ने भारत की सराहना की है। इसके साथ ही भारत का रणनीतिक नज़रिया और संयुक्त राष्ट्रसंघ के ध्येय-नीति एक-दूसरे के लिए सहायक होने का दावा कोरोसी ने इस दौरान किया।

विश्व कैसा होना चाहिये, इस पर भारत के विचार और संयुक्त राष्ट्रसंघ की नीति में समानता है। अपने सामने मौजूदा समस्याओं का हल निकालने के लिए भारत की कोशिश जारी है। लेकिन, थोड़े-बहुत फरक से यह समस्या पूरे विश्व को सता रही है। ऐसी स्थिति में भारत ने अपनी समस्याओं का हल निकालने के लिए की हुई कोशिशों से विश्व को भी लाभ मिलकर ही रहेगा, ऐसा विश्वास कोरोसी ने व्यक्त किया। साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में पूरे विश्व की छबि नहीं दिखती, वर्तमान में इसका तीव्र अहसास हो रहा है, इस मुद्दे पर कोरोसी ने ध्यान आकर्षित किया। सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता प्राप्त देश ही अन्य देशों पर हमले कर रहे हैं, ऐसी फटकार कोरोसी ने लगाई।

यूक्रेन युद्ध और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी का संकट परेशान कर रहा है। ऐसे में भारत को ‘जी २०’ की अध्यक्षता मिली है। इससे भारत की ‘जी २०’ की अध्यक्षता के सामने काफी बड़ी चुनौतियां खड़ी होती दिख रही हैं इन शब्दों में कोरोसी ने स्पष्ट वास्तव का अहसास कराया। लेकिन, भारत ने ‘जी २०’ के लिए पेश की हुई ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्युचर’ की संकल्पना काफी व्यापक है और भारत वैश्विक दायित्व का विचार कर रहा है, यही इससे ज्ञात होता है, ऐसा कोरोसी ने कहा। इसकी वजह से इस चुनौति का सामना करना भारत को मुमकिन होगा, ऐसे संकेत कोरोसी ने दिए हैं।

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