‘उल्फा’ के आतंकियों का षडयंत्र नाकाम किया गया – गुवाहाटी में विस्फोटक बरामद

गुवाहाटी – बुधवार रात गुवाहाटी में हुए ग्रेनेड हमलें की जिम्मेदारी ‘उल्फा’ (इंडिपेंडट-आई) ने स्वीकारी है| लेकिन, इसमें बातचीत के पक्ष में रहनेवाले उल्फा के नेताओं का भी हाथ होने की बात सामने आ रही है| शहर में और भी धमाके करने की तैयारी शुरू थी, यह बात गुवाहाटी के एक घर से बडी मात्रा में बरामद किए गए विस्फटकों से स्पष्ट हो रहा है| पुलिस ने इस मामले में अबतक दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है| साथ ही विस्फोट के संबंधी जरूरी जानकारी एवं पर्याप्त सबुत हाथ लगने की जानकारी भी संबंधित अधिकारी ने दी| लेकिन, इससे अधिक जानकारी देने से आसाम पुलिस ने इन्कार किया| केंद्रीय गृहमंत्री राजधान सिंग इन्होंने गुरूवार के दिन आसाम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल इनके साथ फोन पर बातचीत की और स्थिति का ब्यौरा लिया|

गुवाहाटी में बुधवार रात करीबन आठ बजे आर्टेरियल आर.जी.बारुआ मार्ग पर राज्य के प्राणी संग्रहालय के सामने एक मॉल के बाहर ग्रेनेड का स्फोट हुआ था| इस स्फोट में १२ लोग जख्मी हुए है| इनमें से दो एसएसबी के सैक है| एसएस बी के सैनिकों को लक्ष्य करने के लिए ही यह ग्रेनेड हमला हुआ है| हमलावर मोटर सायकल पर संवार थे, यह जानकारी स्पष्ट हुई है| भारत और राज्य सरकार के साथ हो रही शांतिचर्चा का विरोध कर रहे उल्फा का नेता परेश बरूआ ने कुछ स्थानिय समाचार चैनल्स को फोन करके यह हमला उल्फा ने किया है, यह कहकर हमलें की जिम्मेदारी स्वीकारी थी|

लेकिन, बम विस्फोट मामले में अब और भी सबुत सामने आ रहे है| इसमें कुछ बातचीत के पक्ष में होनेवाले उल्फा के गुट के सदस्य भी शामिल थे, यह दिख रहा है| इनमें उल्फा की एक महीला नेता भी शामिल है| बुधवार के दिन हुए ग्रेनेड हमले के बाद ही राज्य पुलिस, राज्य गुप्तचर यंत्रणा और केंद्रीय जांच एजंसी हरकत में आयी है| प्राप्त हुई जानकारी के नुसार पुलिस ने पांजाबारी क्षेत्र में एक घर पर छापा किया| इस घर में बडी संख्या में विस्फोटक और बम बनाने का सामान, हथियार बरामद किए गए| साथ ही एक लैपटॉप भी पुलिस ने जब्त किया है| छापा किया गया घर एक दांपत्य ने महीने पहले ही किराए पर लिया था| हमारी जांच सही दिशा से शुरू है और कुछ अहम जानकारी प्राप्त हुई है| लेकिन, इस बारे में इतने में बोलना मुमकिन नही है, ऐसा गुवाहाटी पुलिस ने स्पष्ट किया| साथ ही ‘उल्फा-आई’ का नेता परेश बरुआ ने इस हमलें की जिम्मेदारी स्वीकारने के समाचार का पुलिस ने समर्थन नही किया है|

परेश बरूआ ने सात वर्ष पहले उल्फा से अलग होकर ‘उल्फा-आई’ यह स्वतंत संगठन स्थापित की थी| उल्फा के कई बडे नेताओं को पुलिस ने पकडा था| साथ ही कुछ लोगों को बांगलादेश के हवाले किया था| इनमें से कई लोगों ने सरकार के साथ शांतिचर्चा शुरू की है| लेकिन, परेश बरुआ शांतिचर्चा का विरोध कर रहा है और उसने आतंकी गतिविधियां जारी रखी है| लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में ‘उल्फा-आई’ समस्या से घिर चुकी है| म्यानमार में भी इस संगठन के आतंकियों पर म्यानमार की सेना ने कार्रवाई की है| इस कार्रवाई के लिए भारत सरकार म्यानमार की सेना को शस्त्रों की आपुर्ति कर रही है, यह आरोप भी परेश बरुआ ने इस दौरान किया था| वह फिलहाल म्यानमार की सीमा के निकट चीन की भूमि पर छिपा बैठा होने का दावा हो रहा है|

ईशान्य भारत से करीबन सभी आतंकी संगठनों का प्रभाव कम हुआ है| अब फिर से आसाम और ईशान्य के अन्य राज्यों में आतंकवाद पुनर्जिवित करने के लिए उल्फा-आई, एनएससीएस (खपलांग) जैसी संगठन कोशिश कर रही है| एनआरसी और सीटिजनशीप बिल के मुद्देपर माहौल भडकाने की कोशिश हो रही है| इस पृष्ठभूमि पर यहांपर यह ग्रेनेड हमला हुआ है|

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