‘सुखोई’ विमानों पर ‘ब्राह्मोस’ की तैनाती होगी

नवी दिल्ली – भारतीय वायुसेना के बेडे में मौजूद लडाकू ‘सुखोई-३० एमकेआय’ विमानों पर अब ब्राह्मोस मिसाइल तैनात करने का निर्णय हुआ है| इस वजह से वायुसेना को सिर्फ साठ सेकंड में ‘बालाकोट’ जैसे हमला करना संभव होगा| इस वजह से दुश्मनों पर हमला करने की वायुसेना की क्षमता में काफी तादाद में बढोतरी होगी| इसके चलते अब पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला करने के लिए भारतीय विमानों को पाकिस्तान की हवाई सीमा लांघने की जरूरत नही रहेगी| साथ ही इन हमलों के विरोध में कार्रवाई करने के लिए समय ही नही बचेगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है|

इसके आगे पाकिस्तान की आतंकी संगठनों के हमलें बर्दाश्त नही करेंगे, यह आक्रामक भूमिका भारत ने अपनाई है| उरी में हुए हमलें के बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राईक किया था और पुलवामा में हुए आतंकी हमलें के बाद ‘बालाकोट’ में हवाई हमला किया था| भारतीय रक्षादलों ने किए यह हमलें भारत के नीति में हुए बदलाव का बयान कर रही है| इन प्रतिहमलों के जरिए भारत ने आतंकविरोधी युद्ध की ‘भूमि’ बदल दी है, ऐसा सामरिक विश्‍लेषकों का कहना है| इससे पहले आतंकी हमलों के भारत सिर्फ राजनयिक दबाव बनाएगा, इस भ्रम में पाकिस्तान रह रहा था| लेकिन, अगले समय में आतंकी हमलें हुए तो सीधे भारत के प्रतिहमलों का सामना करना होगा, इसका कडा एहसास पाकिस्तान को हुआ है|

ऐसी स्थिति में भारत ने दुश्मन देश में लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता प्राप्त करना जरूरी बना था| इसके लिए भारतीय वायुसेना के बेडे में सबसे प्रगत विमानों के तौर पर जाने जा रहे ‘सुखोई-३० एमकेआय’ विमानों पर ‘ब्राह्मोस’ मिसाइल की तैनाती हो रही है| वर्ष २०२० से २०२१ तक यह प्रक्रिया पूरी होगी| भारत और रशिया ने संयुक्त रूप से बनाए ब्राह्मोस मिसाइल दुनिया में सबसे उत्तम मिसाइलों से एक समझे जाते है| यह मिसाइल करीबन प्रतिघंटा ३ हजार किलोमीटर गति के साथ ३०० से ४०० किलोमीटर दूरी तर हमला कर सकते है| इस वजह से अपने देश की हवाई सीमा में रहकर ‘सुखोई-३० एमकेआय’ विमान ब्राह्मोस मिसाइल छोडकर पाकिस्तान में १५० किलोमीटर दूरी तक भी हमला कर सकेंगे|

सिर्फ ६० सेंकड के अंदर ‘सुखोई’ से छोडा गया ‘ब्राह्मोस’ आतंकियों के ठिकाने तबाह कर सकेगा| यह हमला करते समय वायुसेना को किसी भी प्रकार की जोखीम उठाने की जरूरत नही रहेगी|

इसके अलावा ब्राह्मोस की गति और ‘सुखोई’ विमानों की क्षमता पर ध्यान दिया जाए तो इस हमलें को जवाब देने के लिए पाकिस्तान की वायुसेना के हात समय ही नही रहेगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है| इस वजह से पाकिस्तान पर और भी दबाव बढ सकता है| साथ ही आतंकी संगठनों को भी भारत में हमलें करने से पहले काफी विचार करना होगा|

‘सुखोई’ विमानों पर ‘ब्राह्मोस’ की तैनाती होने पर पाकिस्तान की सीमा असुरक्षित नही रहेगी| साथ ही दक्षिणी सीमा से भी भारत पाकिस्तान पर हमलें कर सकेगा, इस ओर विश्‍लेषक ध्यान केंद्रीत कर रहे है| आतंकवादविरोधी युद्ध में भारत ने आजतक अपनी विशेष क्षमता में बढोतरी करने में ध्यान नही दिया था| पारंपरिक युद्ध की तकनीक में भारत पाकिस्तान से काफी आगे है और पारंपरिक युद्ध में पाकिस्तान भारत के सामने खडा नही हो पाएगा| यह असलियत होने से ही पाकिस्तान ने भारत के विरोध में आतंकवाद का इस्तेमाल शुरू किया था| इस छिपे युद्ध में पारंपरिक युद्ध का सामर्थ्य काम में नही आता| इसके लिए अलग प्रकार का तंत्र और क्षमता विकसित करना जरूरी होता है, यह चेतावनी विश्‍लेषकों ने भारत सरकार को कई बार दी थी| लेकिन, अब इस मोर्चे पर कोशिश शुरू हुई है और आतंकियों के ठिकानों को किसी भी प्रकार का खतरा उठाए बिना लक्ष्य करने की क्षमता विकसित करने की दिशा में भारत ने तेजी से कदम उठाए दिख रहे है|

‘सुखोई-३० एमकेआय’ लडाकू विमान पर ‘ब्राह्मोस’ मिसाइल तैनात करने का निर्णय इसी कोशिश का अहम स्तर साबित होगा|

Leave a Reply

Your email address will not be published.