यूक्रैन युद्ध के दौरान ही अमरीका ने पूर्व यूरोप में किए १०,५०० सैनिक तैनात

वॉशिंग्टन/मास्को – यूक्रैन युद्ध के जारी रहते ही अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने पूर्व यूरोप में १०,५०० सैनिक तैनात करने का ऐलान किया। यह तैनाती यूक्रैन के लिए नहीं, लेकिन नाटो सदस्य देशों की रक्षा करने के लिए हो रही है, ऐसा पेंटॅगॉन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा। इस तैनाती की खबरें प्राप्त हो रही थीं तभी अमरिकी रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने रशिया के रक्षामंत्री सर्जेई शोईगू से फोन पर बातचीत करने का वृत्त है।

यूक्रैन का युद्ध शुरू होने से पहले यूरोपिय देशों में अमरीका के लगभग ८० हज़ार सैनिक तैनात थे। लेकिन, यूक्रैन युद्ध के बाद अमरीका ने नाटो के सदस्य देशों के साथ रशिया के करीबी देशों में अपनी तैनाती बढ़ाने की खबरें सामने आ रही हैं। खास तौर पर रशिया पर फौजी दबाव बढ़ाने के लिए अमरीका और नाटो ने आक्रामक नीति अपनाने के बाद इस पर रशिया का तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त होने की संभावना बढ़ने से अमरीका यह तैनाती बढ़ाती हुई दिख रही है। साथ ही अपनी नई तैनाती की वजह से बढ़ता तनाव घनघोर संघर्ष में तब्दील ना हो, इसका ध्यान भी अमरीका रख रही है।

अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने रशिया के रक्षामंत्री सर्जेई शोईगू से फोन पर बातचीत की। यूक्रैन युद्ध शुरू होते ही दोनों देशों के रक्षामंत्रियों की ऐसी चर्चा नहीं हुई थी, यह दावा किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर यह चर्चा ध्यान आकर्षित कर रही है। यूक्रेन युद्ध के दौरान अमरीका और रशिया का संपर्क बनाए रखने पर इस चर्चा में सहमति होने की बात कही जा रही है। लेकिन, इसका अधिक ब्यौरा सामने नहीं आया है। दोनों देशों ने अपने रक्षामंत्रियों की चर्चा की अधिक जानकारी साझा नहीं की है।

यूक्रैन का युद्ध फैसले की कगार पर होने की बात सामरिक विश्लेषक कह रहे हैं। यह युद्ध जितना लंबा चलेगा उतनी मात्रा में रशिया का सामर्थ्य कम होगा, ऐसा अमरीका का विचार है। इसी वजह से अमरीका और पश्चिमी देश यूक्रैन को हर तरह की सहायता प्रदान करके रशिया को परेशान करने की साज़िश रच रहे हैं। लेकिन, रशिया ने इस बात पर पहले ही गौर किया था और रशिया लंबे समय के युद्ध के लिए भी उतना ही तैयार होन का दावा सामरिक विश्लेषक कर रहे हैं। इसके अलावा आवश्यकता पडने पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन पश्चिमी देशों कल्पना से परे, ऐसे दाव खेलेंगे, यह चेतावनी भी कुछ सामरिक विश्लेषक अमरीका और नाटो के सदस्य देशों को दे रहे हैं। इसी दौरान नाटो ने रशियन सीमा तक विस्तार किया तो रशिया न्यूक्लिअर फोर्सस का इस्तेमाल करने में हिचकिचाएंगे नहीं, ऐसी चेतावनी रशिया के उप-विदेशमंत्री अलेक्झेंडर ग्रुश्कोव ने दी। रशिया के नेताओं ने पहले ही नाटो को  चेतावनी दी थी कि, यूक्रैन युद्ध परमाणु युद्ध में तब्दील होगा। साथ ही नाटो देशों के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व परमाणु युद्ध की गंभीरता को पहचानने के लिए प्रगल्भ नहीं हैं, ऐसी आलोचना रशिया ने की थी। लेकिन, यूरोपिय देश रशिया की इस चेतावनी को बड़ी संवेदना से देख रहे हैं।

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