युक्रेन ‘अमरीका निर्मित’ संकट का शिकार हुआ – ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता का गंभीर आरोप

तेहरान – ‘दुनिया में अगर संघर्ष ना हों, तो हथियारों का निर्माण करनेवालीं अमरीका की कंपनियाँ पूरी तरह सक्रिय नहीं रह सकतीं। इस उद्योग के माफियाओं के हितसंबंध महफूज़ रखने के लिए दुनिया भर में संघर्ष भड़काते रहना यह अमरीका की ज़रूरत बन चुकी है। युक्रेन अमरीका की इस नीति का शिकार बना है’, ऐसे गंभीर आरोप ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने किए हैं।

पश्चिमी देश और माध्यमों समेत दुनिया भर के विश्लेषक, युक्रेन में चल रहे युद्ध के लिए रशिया को ज़िम्मेदार ठहराकर रशिया की आलोचना कर रहे हैं, ऐसे में ईरान ने इस संघर्ष के लिए अमरीका को ज़िम्मेदार ठहराया है। ईरान के राजनीति के सूत्र हाथ में होनेवाले सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने मंगलवार को राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल द्वारा ईरान की जनता को संबोधित किया । इसमें आयातुल्ला खामेनी ने युक्रेन-रशिया संघर्ष पर ईरान की भूमिका अधिक स्पष्ट रूप से प्रस्तुत की। पिछले छह दिनों से युक्रेन-रशिया के बीच जारी संघर्ष को रोकें, ऐसा आवाहन खामेनी ने किया।

साथ ही, संघर्ष का मूल युक्रेन-रशिया सीमा पर ना होकर, अमरीका में होने का दोषारोपण ईरान के सर्वोच्च नेता ने किया। अमरीका का हर प्रशासन यह जागतिक संघर्ष पर चलता है और युक्रेन में चल रहा यह संघर्ष भी इसके लिए अपवाद नहीं है, ऐसा खामेनी ने कहा। ‘युक्रेन के संघर्ष से हमने दो अहम बातें सीखी हैं। पश्चिमी देशों पर कभी भी विश्वास नहीं किया जा सकता और देश के नेतृत्व के लिए जनता का समर्थन बहुत ही महत्त्वपूर्ण रहता है। क्योंकि पश्चिमी देशों ने तीसरे देश में बनाई हुकूमत एक मृगजल की तरह होती है’, ऐसा ताना खामेनी ने मारा।

ईरान के सर्वोच्च नेता ने इसके द्वारा अफगानिस्तान की इससे पहले की अश्रफ गनी सरकार और पश्चिमी समर्थक सेना पर गौर फरमाया। अमरीका की उपस्थिति में ही तालिबान ने गनी सरकार का तख़ता पलटकर काबुल पर कब्ज़ा किया, इसकी याद खामेनी ने करा दी। साथ ही, अमरीका का प्रशासन और उस देश के माफिया ने इससे पहले भी दुनियाभर में संघर्ष भड़काये हैं, ऐसा गंभीर आरोप खामेनी ने किया। इसके लिए ईरान के सर्वोच्च नेता ने ‘आईएस’ के निर्माण का हवाला दिया। उसी प्रकार अन्य देशों में नेतृत्व बदलाव कराके उसके स्थान पर पश्चिमी समर्थक नेता को अमरीका ने बिठाया है, ऐसा दावा खामेनी ने किया।

इसी बीच, वियना में अमरीका और पश्चिमी देश ईरान के साथ परमाणु समझौते के संदर्भ में चल रही चर्चा, अंतिम चरण में पहुँची होने का दावा कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में, ईरान के सर्वोच्च नेता ने की अमरीका की आलोचना गौरतलब साबित होती है।

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