ऑस्ट्रेलिया का दो-तिहाई क्षेत्र चीनी मिसाइल के दायरे में – अमरिकी अभ्यासगुट की चेतावनी

कैनबेरा – चीन ने साउथ चायना सी के सैन्य ठिकाने से अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल दागी तो ऑस्ट्रेलिया का दो तिहाई क्षेत्र इस मिसाइल के दायरे में होगा। ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी ओर के क्विन्सलैण्ड, नॉर्दन टेरिटरी’ और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का क्षेत्र चीनी मिसाइल की मारक क्षमता में आता है’, ऐसा इशारा अमरीका के प्रसिद्ध अध्ययन मंडल ने दिया।

चीन ने ‘साउथ चायना सी’ के कृत्रिम द्वीपों के सैन्यकीकरण की गति तेज़ की है। यहां के स्प्रार्टले द्विपों के ‘मिसचिफ रिफ’ का निर्माण सन २०१४ में ही पूरा हुआ था। इसी द्वीप पर स्थापित सैन्य ठिकाने पर चीन ने अंतरमहाद्वीपीय ‘डाँगफेंग-२६’ बैलेस्टिक मिसाइल तैनात किए हैं। कम से कम चार हज़ार किलोमीटर दूरी के लक्ष्य को निशाना करने की क्षमता इन मिसाइलों की है, ऐसा दावा चीन की यंत्रणाओं ने किया है।

इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी ओर स्थित डार्विन सैन्य अड्डा ‘डाँगफेंग-२६’ के दायरे में है। साथ ही क्विन्सलैण्ड प्रांत का कुछ हिस्सा और नॉर्दन टेरिटरी के साथ ऑस्ट्रेलिया का पश्चिमी क्षेत्र में चीनी अंतरमहाद्विपीय मिसाइल के दायरे में होंगे। इस अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल की मिसचिफ रिफ पर हुई तैनाती इशारा देती है, ऐसा ‘डिफेन्स स्ट्रैटेजिक रिव्यू’ नामक अमरिकी अध्ययन मंडल ने कहा है।

चीन के इन बैलेस्टिक मिसाइलों का सामना करने से पहले ऑस्ट्रेलिया की सेना बचाव के लिए ज़रूरी प्रावधान करे, ऐसी गुहार इस अध्ययन मंडल ने लगाई है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी ठिकानों पर सैन्य जमावड़ा बढ़ाकर चीन के हमलों का जवाब देने की तैयारी करे, ऐसा सुझाव इस अध्ययन मंडल ने दिया है। चीन और ऑस्ट्रेलिया एवं वहां के द्विपदेशों के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है। ऑस्ट्रेलिया ने इन द्विप देशों से सैन्य सहयोग बढ़ाने की कोशिश शुरू की है। इसकी वजह से गुस्सा हुआ चीन ऑस्ट्रेलिया पर हमला करने के अवसर से नहीं चुकेगा, यह दावा इस अध्ययन मंडल ने किया है।

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