ईरान ने यूरेनियम संवर्धन की क्षमता बढ़ाकर तिगुनी की – अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख का इशारा

तेहरान/वियना – ‘ईरान ने युरेनियम संवर्धन की क्षमता बढ़ाकर दोगुनी नहीं, बल्कि तिगुनी की है। ईरान ने ही यह जानकारी आयोग से साझा की है। परमाणु बम का निर्माण करने के लिए ९० प्रतिशत शुद्धता के यूरेनियम का संवर्धन करना जरुरी होता है। ईरान ने ६० प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन करने की क्षमता तिगुनी करने से ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब नागरी नहीं रहा, बल्कि यह अब सैन्य स्तर पर पहुँच रहा है। यह बात सामान्य नहीं है और ईरान की इन गतिविधियों के परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं’, ऐसा इशारा अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने दिया। उनके इस इशारे के बाद २४ घंटे खत्म नहीं होते और ईरान ने नए परमाणु प्रकल्प का ऐलान किया है।

सन २०१५ में अमरीका ने ईरान के साथ किए परमाणु समझौते के अनुसार ईरान को यूरेनियम शुद्धता ३.६७ प्रतिशत रखने की अनुमति है। इस मर्यादा का पालन किया तो ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध शिथिल करके अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की बात मंजूर की गई थी। साथ ही ईरान के फोर्दो और अन्य परमाणु प्रकल्प सिर्फ युरेनियम के अनुसंधान के लिए इस्तेमाल होंगे, यह सूचना दी गई थी। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से ईरान ने इस परमाणु समझौते के नियम खुलेआम तोड़ने लगा है, ऐसे आरोप इस्रायल और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग लगा रहा है।

ईरान ने पिछले महीने ही फोर्दो में बनाए गए सुरंग में परमाणु प्रकल्प ‘आईआर-६’ के ज़रिये युरेनियम संवर्धन शुरू किया। इसके ज़रिये ईरान ने परमाणु समझौते का फिर से उल्लंघन किया है, ऐसी आलोचना आयोग ने की थी। ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने संयुक्त निवेदन जारी करके ईरान की परमाणु गतिविधियों की आलोचना की थीं। लेकिन, ईरानी हुकूमत के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों की वजह से परमाणु कार्यक्रम के विवाद नज़रअंदाज हुआ था। ऐसे समय में ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की अहम जानकारी आयोग से साझा की है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियंत्रण में काम कर रहे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख ग्रॉसी ने यह जानकारी विश्व के सामने रखी। यूरेनियम संवर्धन की बढ़ती क्षमता ईरान को परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक सामान के करीब पहुँचा रही है, यह दावा ग्रॉसी ने किया। साथ ही ईरान अपने परमाणु प्रकल्पों का निरीक्षण करने की अनुमति प्रदान करे, ऐसी मांग ग्रॉसी ने की है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम की यह प्रगति ध्यान आकर्षित कर रही है, यह इशारा देकर ग्रॉसी ने पश्चिमी देशों को ईरान विरोधी कार्रवाई करने का आवाहन किया।

अमरीका या यूरोपिय देशों ने अभी इस पर बड़ा बयान नहीं किया है। लेकिन, रशिया ने ईरान पर लगाए प्रतिबंध हटाने की मांग की है। साथ ही ईरान ने कुज़ेस्तान प्रांत के करुन क्षेत्र में नए परमाणु प्रकल्प का निर्माण शुरू करने का ऐलान किया। दो अरब डॉलर्स का परमाणु प्रकल्प पूरा होने के लिए आठ वर्ष लगेंगे, यह दावा ईरान ने किया। साथ ही सन २०१५ में किए गए परमाणु समझौते से पीछे हटने के लिए अमरीका ईरान पर दबाव बना रही है, फिर इसके सामने ईरान बिल्कुल भी नहीं झुकेगा, यह इशारा ईरान ने दिया था।

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