पाकिस्तान से हज़ारों आतंकियों ने अफगानिस्तान में घुसपैंठ की – अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को फटकार

ताश्कंद – अफगानिस्तान के हालातों के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ना ठहरायें, पाकिस्तान का और तालिबान का कुछ भी ताल्लुक नहीं है, ऐसे दावे पाकिस्तान द्वारा किए जाते हैं। लेकिन उज़्बेकिस्तान के ताशकंद में हुई परिषद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान के सामने ही, अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर खरी-खरी सुनाई। पिछले महीने में पाकिस्तान के दस हज़ार से अधिक आतंकियों ने अफगानिस्तान में घुसपैंठ की और उन्हें रोकने में पाकिस्तान की सरकार असफल साबित हुई, ऐसा तीखा आरोप राष्ट्राध्यक्ष गनी ने किया। इससे बेचैन हुए इम्रान खान इन आरोपों को जवाब देते देते सीटपिटाए दिख रहे थे।

Pakistani-Terrorists-Ghaniउज़्बेकिस्तान के ताशकंद में ‘सेंट्रल अँड साऊथ एशिया कनेक्टिव्हीटी कॉन्फरन्स’ आयोजित की गई है। उसे संबोधित करते समय अफगानिस्तान के राष्ट्रीय क्षय पाकिस्तान पर यह गंभीर आरोप की है। अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत लाने में पाकिस्तान को दिलचस्पी नहीं है, ऐसा आश्वासन इस देश के प्रधानमंत्री और लष्करी अधिकारी लगातार दे रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर वे तालिबान की हर संभव सहायता कर रहे हैं, ऐसा दोषारोपण अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने किया। उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने, अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष के आरोप निराश करनेवाले हैं, यह बताकर उसपर नाराज़गी ज़ाहिर की। अफगानिस्तान का मसला शांतिपूर्वक हल हों, इसके लिए पाकिस्तान ने ही सर्वाधिक कोशिश की थी, ऐसा प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कहा।

अफगानिस्तान द्वारा पाकिस्तान पर ये ठेंठ आरोप हो रहे हैं, ऐसे में भारत ने अफगानिस्तान को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी ताशकंद की इस परिषद में सहभागी हुए होकर, उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात की। इस मुलाकात में विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगानिस्तान को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। भारत अफगानिस्तान को लगभग डेढ़ लाख टन इतने गेहूं की सप्लाई करनेवाला है, ऐसी जानकारी जयशंकर ने इस समय दी।

इसी बीच, अफगानिस्तान के उपराष्ट्राध्यक्ष अमरुल्लाह सालेह ने तथा अफगानिस्तान के भारत में नियुक्त राजदूत फरिद मामुन्दजई ने भारत के पास लष्करी सहायता की माँग की थी। तालिबान के साथ चर्चा अगर नाकाम हुई, तो भारत अफगानिस्तान को ‘एअर सर्पोट’ यानी हवाई बल के लिए सहायता करें, ऐसा राजदूत मामुन्दजई ने कहा था। इस आवाहन के बाद पाकिस्तान के माध्यमों में जोरदार चर्चा चल रही है। भारत जल्द ही अफगानिस्तान में अपनी सेना तैनात करने वाला है, ऐसे दावे पाकिस्तानी माध्यम करने लगे हैं पोस्टर भारत की इस तैनाती को अमेरिका का पूरा समर्थन होगा और उसके लिए अमेरिका भारत को पैसों की आपूर्ति करने के लिए तैयार होने के दावें, पाकिस्तान के भारत विद्वेषी विश्लेषकों ने ठोक दिए हैं। इससे पाकिस्तान अधिक ही असुरक्षित बनेगा, ऐसी चिंता भी इन भारत विद्वेषी पाकिस्तानी विश्लेषकों को होने लगी है।

कंधार में भारतीय पत्रकार की हत्या

अफगानिस्तान के कंधार में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की तालिबान ने हत्या करवाई। पुलित्झर पुरस्कार विजेता फोटो जर्नलिस्ट सिद्दिकी अफगानी लश्कर के साथ तालिबान विरोधी संघर्ष की जानकारी हासिल करने के लिए जा रहे थे। इस संघर्ष में तालिबानी आतंकियों ने की गोलीबारी में सिद्दिकी अफगानी जवान के साथ मारे गए। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकूर ने सिद्दिकी की हत्या पर तीव्र दुख ज़ाहिर किया। प्रेस क्लब ने, सिद्दिकी की हत्या को धक्कादाई बताकर उसपर शोक ज़ाहिर किया है।

अफगानिस्तान के बहुत सारे भूभाग पर कब्जा करने के बाद भी तालिबान ने अब तक भारतीयों पर हमला नहीं किया था। लेकिन सिद्दीकी अफगानिस्तान के संघर्ष में मारे गए पहले भारतीय साबित हुए हैं। इससे इस देश के भारतीयों की सुरक्षा का मसला संवेदनशील बना दिख रहा है। इसी बीच, अफगानिस्तान के संघर्ष में भारत काबुल की सरकार की सहायता ना करें, ऐसी माँग तालिबान ने की है। अफगानिस्तान में भारत कर रहे विकास का तालिबान स्वागत करेगा, लेकिन यहाँ के संघर्ष में भारत तटस्थ रहें तो अच्छा है, ऐसा तालिबान ने जताया है।

भारतीय दूतावासों पर हमलें नहीं किये जाएँगे, यह तालिबान ने इससे पहले स्पष्ट किया था, इसकी याद तालिबान का प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने करा दी है। 

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