तकनीक और क्रिप्टो क्षेत्र को आर्थिक सहायता मुहैया कर रही अमरीका की तीसरी बैंक दिवालिया – राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने बैंकिंग क्षेत्र सुरक्षित होने का किया दावा

वॉशिंग्टन – ‘सिल्वरगेट’ और ‘एसवीबी’ के बाद अमरीका की ‘सिग्नेचर बैंक’ दिवालिया होने की बात सामने आयी है। एक हफ्ते में अमरीका की तीसरी बैंक असफल होने से देश का बैंकिंग क्षेत्र संकट में होने के संकेत प्राप्त हुए हैं। इसी पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सोमवार को अमरीका का बैंकिंग क्षेत्र सुरक्षित होने का दावा किया। लेकिन, अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बायडेन की आलोचना की है और यह आरोप भी लगाया है कि, देश १९३० के दशक जैसी महामंदी की दिशा में अग्रसर हो रहा है।

अमरीका के कैलिफोर्निया प्रांत का ‘सिल्वरेगट बैंक’ पिछले हफ्ते ८ मार्च को दिवालिया होने का ऐलान अमरिकी यंत्रणाओं ने किया था। इसके बाद रविवार को न्यूयॉर्क स्थित ‘सिग्नेचर बैंक’ बंद करने का बयान अमरिकी यंत्रणाओं ने किया था। मात्र पांच दिनों में अमरीका के तीन बैंकों ने कारोबार समेटने से देश के बैंकिंग क्षेत्र की विश्वस्नीयता पर सवाल उठ रहे हैं और इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दे रही है।

असफल इन तीन बैंकों में से ‘सिलिकॉन वैली बैंक’ अमरीका के शीर्ष २० बैंकों में से एक जानी जाती है। इस बैंक के दफ्तर अन्य देशों में भी हैं। ब्रिटेन जैसे देश में इसका दायरा काफी बड़ा है और इस देश में ‘सिलिकॉन वैली बैंक’ का कारोबार ब्रिटेन की शीर्ष बैंक ‘एचएसबीसी’ ने अपने हाथों में लिया है। ‘सिलिकॉन वैली बैंक’ को बेलआऊट नहीं किया जाएगा, ऐसा अमरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने रविवार को कहा था। लेकिन, इसके कुछ ही घंटों बाद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने घोषित किया है कि, इस बैंक की निधि सुरक्षित है।

सोमवार सुबह को अमरिकी जनता को संबोधित करते हुए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अमरीका का बैंकिंग क्षेत्र सुरक्षित होने की गवाही दी। साथ ही ‘सिलिकॉन वैली बैंक’ की निधि खाताधारकों को उपलब्ध कराने का ऐलान भी किया। अमरिकी नियमों के अनुसार कोई बैंक दिवालिया हो जाए तो ढ़ाई लाख डॉलर्स तक की राशि खाताधारक को प्राप्त हो सकती है। इससे संबंधित प्रक्रिया ‘फेडरल डिपॉज़िट इन्शुरन्स कॉर्पोरेशन’ (एफडीआईसी) संभालती है। लेकिन, एक के बाद एक तीन बैंक्स असफल होने का देखे जा रहे असर पर गौर करके बायडेन प्रशासन ने ‘सिलिकॉन वैली बैंक’ और सिग्नेचर बैंक’ दोनों बैंकों के खाताधारकों को निधि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

यह दोनों बैंक्स अमरिकी तकनीकी क्षेत्र के ‘स्टार्टअप्स’ और ‘क्रिप्टोकरन्सी’ क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। दोनों बैंकों में इन क्षेत्र की कंपनियों के खाते और निधि काफी बड़ी मात्रा में है। ‘एफटीएक्स’ घोटाले की वजह से अमरीका के क्रिप्टोकरन्सी क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है। इसमें भी इस क्षेत्र से जुड़ी बैंक्स असफल हुईं तो इसका व्यापक और गंभीर असर पड सकता है। इसी वजह से बायडेन प्रशासन सक्रिय होने की बात कही जा रही है।

इसी बीच, अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने बैंकिंग क्षेत्र के संकट को लेकर बायडेन प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की तुलना पिछली सदी के अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष हर्बर्ट हूवर से की। बायडेन आधुनिक युग के हूवर माने जाएंगे, ऐसा दावा ट्रम्प ने किया। ‘अमरीका को १९२९ से अधिक व्यापक आर्थिक मंदी का मुकाबला करना पडेगा। अमरीका में धराशाही हो रही बैंक्स इसके सबूत हैं’, इन शब्दों में ट्रम्प ने नए आर्थिक संकट की ओर ध्यान आकर्षित किया।

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