‘लॉन्ग मार्च’ शुरू होने से पहले पाकिस्तानी सेना ने इम्रान खान पर लगाए गंभीर आरोप

इस्लामाबाद/लाहोर – पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान का चर्चित ‘लाँग मार्च’ शुक्रवार को शुरू हुआ। लाहोर से इस्लामाबाद जा रहा यह ‘लॉन्ग मार्च’ पाकिस्तान को सचमुच की आज़ादी दिलाने के लिए हैं, ऐसा दावा इम्रान खान ने किया। इम्रान खान राजधानी इस्लामाबाद पर हमला करने की बयानबाज़ी करते हैं तो उन्हें इस बार ऐसीं सबक सिखाएँगे कि, वह आगे कभी भी ‘लॉन्ग मार्च’ शुरू करने का सोचेंगे भी नहीं, ऐसी धमकी पाकिस्तान के अंदरुनि सुरक्षा मंत्री ने दी हैं। यह ‘मार्च‘ शुरू होने से पहले पाकिस्तान की सेना और इम्रान खान ने एक दूसरें पर लगाए आरोप और प्रतिआरोपों के कारण पाकिस्तान में बड़ी बेचैनी फैली हैं।

पाकिस्तान के पत्रकार अर्शद शरीफ की पिछले रविवार केनिया में गोली मारकर हत्या की गई। इसके पीछ पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ होने का आरोप इम्रान खान के समर्थक लगा रहे हैं। इस पर गुस्सा हुए ‘आयएसआय’ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजूम ने वार्ता परिषद आयोजित करके इन आरोपों का जवाब दिया। पाकिस्तान के सेना अधिकारी गलती कर सकते हैं, लेकिन, देश से कभी भी गद्दारी नहीं करेंगे। हमारे विषय में काफी कुछ कहा जाता हैं। ऐसी स्थिति में हम शांत रहना उचित नहीं होता। सेनाप्रमुख जनरल बाजवा को अपने पक्ष में करने के लिए बड़ा अच्छा प्रस्ताव दिया गया था और इसका हम स्वयं गवाह हैं। लेकिन, जनरल बाजवा ने यह प्रस्ताव ठुकराया और तटस्थ रहने का निर्णय किया, ऐसा लेफ्टनंट जनरल अंजूम ने वार्तापरिषद में घोषित किया।

इम्रान खान ने अपना प्रधानमंत्री पद बचाने के लिए जनरल बाजवो के सामने यह प्रस्ताव रखा था, लेफ्टनंट जनरल अंजूम ने लगाए इस आरोप ने पाकिस्तान में सनसनी निर्माण की हैं। साथ ही पाकिस्तान की सेना राजनीतिक नज़रिये से तटस्थ रहकर राजनीती से दूर रहेगी, लेफ्टनंट जनरल अंजूम के इस बयान को भी माध्यमों ने बड़ी अहमियत दी हैं। इस वजह से बेचैन हुए पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान ने ‘आयएसआय’ प्रमुख ने आयोजित किए वार्तापरिषद पर ही सवाल किए। यदि, पाकिस्तान की सेना तटस्थ हैं तो फिर इस वार्ता परिषद का आयोजन किस लिए, ऐसा सवाल इम्रान खान ने किया। साथ ही पाकिस्तान के सेना अधिकारी सरकार में मौजूद चोरों को बचा रहे हैं, ऐसी आलोचना भी इम्रान खान ने की। लेकिन, देश के लिए हम इस विषय पर अधिक बात नहीं करेंगे, ऐसा इम्रान खान ने आगे कहा।

पाकिस्तान की मौजूदा सरकार चोरों की हैं, यह आरोप इम्रान खान ने पहले भी कई बार लगाया था। इस बार भी इन चोरों को सत्ता से नीचे खिंचकर देश को सच्ची आज़ादी दिलवाने के लिए हम ‘लाँग मार्च’ आयोजित कर रहे हैं, ऐसा इम्रान खान ने कहा हैं। लेकिन, उनके इस ‘लॉन्ग मार्च’ की वजह से पाकिस्तान की सुरक्षा को सीधी चुनौती मिल रही हैं, ऐसी आलोचना भी कुछ लोगों ने की हैं। इसके अवाला इस ‘मार्च’ की वजह से पाकिस्तान में अराजकता फैल सकती हैं, इसका अहसास भी कुछ पत्रकार और विश्लेषकों ने कराया। लेकिन, पाकिस्तान में चुनाव घोषित किए बिना हम पीछे नहीं हटेंगे, ऐसा इम्रान खान का कहना हैं। साथ ही इम्रान खान पर इस लॉन्ग मार्च के दौरान सख्त कार्रवाई की जाएगी, ऐसी चेतावनी अंदरुनि सुरक्षा मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दी है। इस वह से अगले कुछ दिनों में इम्रान खान के इस लॉन्ग मार्च का क्या होता हैं, इसपर निरिक्षकों की नज़रे हैं।

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