‘जी २०’ परिषद के सामने वैश्विक अर्थव्यवस्था के खतरे कम करने की चुनौती – विदेश मंत्री एस.जयशंकर

हैदराबाद – मौजूदा समय में सुरक्षा की कल्पना सीर्फ अपना भू क्षेत्र एवं अंदरुनि सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा तक सीमित नहीं रहीं। बल्कि अन्न सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा का भी मौजूदा समय की सुरक्षा संबंधित कल्पना में समावेश होता है। कोरोना की महामारी और यूक्रेन युद्ध के बाद विश्व को यह पाठ मिला हैं, ऐसा दावा विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने किया। इस तरह से सुरक्षित विश्व के लिए कोशिश करके उद्योग और वैश्विक कारोबार के लिए बन रहे खतरे कैसे कम करना मुमकिन होगा, इसपर ‘जी २०’ देशों ने गंभीरता से सोचना होगा, ऐसी उम्मीद विदेश मंत्री जयशंकर ने व्यक्त की।

वैश्विक अर्थव्यवस्थाहैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री ने मौजूदा समय में सुरक्षा का दायरा काफी बढ़ने का अहसास कराया। कोरोना की महामारी, यूक्रेन युद्ध और तुर्की के भूकंप का दाखिला भी उन्होंने अपने इस भाषण में दिया। ऐसे संकटों से अपने उद्योग क्षेत्र और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए उभरने वाले खतरे कैसे कम करना मुमकिन होगा, यह जोखिम कम करने के लिए क्या किया जा सकता है, इसपर ‘जी २०’ की बैठक ने सभी सोच विचार करें, ऐसी भारत की उम्मीद है, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा। साथ ही जी २० परिषद खत्म होने के बाद भारत की इस संगठन से संबंधित भूमिका खत्म नहीं होगी, यह जानकारी भी उन्होंने साझा की।

पहले के साल और उससे भी पहले के साल में ‘जी २०’ के अध्यक्ष रहे देश मौजूदा साल में ‘जी २०’ के सदस्य देशों के साथ बातचीत करके समस्याओं से मार्ग निकालने की कोशिश करते हैं। पहले के दो साल अध्यक्ष रहे ‘जी २०’ के सदस्य देशों ने रखे विचारों का सम्मान किया जाता है और इसका प्रभाव भी होता हैं। इस वजह से भारत आयोजित कर रहा है यह ‘जी २०’ परिषद खत्म होने के बाद भारत का इस संगठन पर बना प्रभाव खत्म होगा, ऐसा नहीं होगा। आगे भी भारत की भूमिका की अहमियत बनी रहेगी, यह कहकर जयशंकर ने इस संगठन के कार्यपद्धती की जानकारी प्रदान की।

तुर्की में हुए प्रलयंकारी भूकंप के बाद भारत ने तुर्की को भारी मात्रा में सहायता मुहैया की थी। सिर्फ तुर्की ही नहीं, बल्कि पैलेस्टिन में भी भारत का विकास कार्य शुरू है, इसपर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा मौजूदा समय में पुरी दुनिया में करीबन ७८ देशों में भारत का विकास कार्य शुरू होने की बात विदेश मंत्री ने स्पष्ट की। इस वजह से यह सभी देश भारत की ओर बड़े मन के दिलदार देश के तौर पर सम्मान से देख रहे हैं। साथ ही भारत की क्षमता अधिक से अधिक बढ़ रही हैं, इसका अहसास भी इन देशों को हुआ हैं। विकास का नज़रिया और सक्षम नेतृत्व के देश के तौर पर भारत के प्रति पुरी दुनिया में सम्मान बढ़ रहा हैं। मौजूदा स्थिति में कुछ चुनिंदा देश ही फिलहाल विश्व का विचार कर रहे हैं और इन देशों में भारत का समावेश होने का दावा जयशंकर ने किया।

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