तालिबान पाकिस्तान को कश्‍मीर दिलाएगी – पाकिस्तानी नेताओं का विश्‍वास

इस्लामाबाद – अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत का इस्तेमाल करके जम्मू-कश्‍मीर में फिर से आतंक मचाने का भयंकर सपना पाकिस्तान देख रहा है। इस तालिबानी आतंक की सहायता से कश्‍मीर को भारत से अलग करना मुमकिन होगा, यह विश्‍वास पाकिस्तान के नेता खुलेआम व्यक्त कर रहे हैं। एक समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में पाकिस्तान के सत्तापक्ष की नेता ‘नीलम इर्शाद शेख’ ने यह ऐलान किया। पाकिस्तान से ऐसे दावे किए जा रहे हैं तभी संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानव अधिकार परिषद में भारत ने यह इशारा दिया कि, ‘जैश’ और ‘लश्‍कर’ जैसे आतंकी संगठनों को अफ़गानिस्तान का इस्तेमाल करने का अवसर ना प्राप्त हो।

अफ़गानिस्तान में अधिकृत स्तर पर तालिबान की सत्ता अब तक स्थापित नहीं हुई है। आतंक की राह छोड़े बगैर तालिबानी हुकूमत को स्वीकृति नहीं देंगे, यह ऐलान विश्‍व के लगभग सभी ज़िम्मेदार देशों ने किया है। महिलाओं के साथ तालिबान के बर्ताव पर अपनी नज़र होगी, यह इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दिया है। लेकिन, इन सभी मुद्दों से अपना कुछ भी लेना-देना ना होने के संकेत देकर पाकिस्तान तालिबान की जीत मना रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान तालिबान के बल पर कश्‍मीर को भारत से छीनने के सपने भी देखने लगा है। एक समाचार चैनल से बातचीत करते समय पाकिस्तान के सत्तापक्ष ‘तेहरिक ए इन्साफ’ की नेता ‘नीलम इर्शाद शेख’ ने यह बात कबूली भी की है।

‘अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त हुई जीत का पाकिस्तान को बड़ा लाभ होगा। कश्‍मीर को भारत से मुक्त कराने के लिए तालिबान पाकिस्तान की सहायता करेगा’, ऐसे दावे नीलम शेख ने किए। तालिबान के कठिन दिनों में पाकिस्तान ने तालिबान की सहायता की थी। अब तालिबान कश्‍मीर के लिए पाकिस्तान को भारत के खिलाफ सहायता करके एहसान चुकाएगा, यह विश्‍वास नीलम शेख ने व्यक्त किया। उनके इस बयान का गंभीर अहसास होते ही न्यूज एंकर ने नीलम शेख को रोकने की कोशिश की।

पाकिस्तान की सेना कश्‍मीर को भारत से मुक्त करा नहीं सकती है तो, यह काम तालिबान कैसे कर सकेगी, यह सवाल भी इस एंकर ने नीलम शेख से किया। इस पर वह जवाब नहीं दे सकी। कश्‍मीर को लेकर सीधे ऐसे दावे किए नहीं है, फिर भी तालिबान को अफ़गानिस्तान में हासिल हुई जीत की वजह से भारत को चुनौती देना संभव होगा, ऐसा पाकिस्तान के नेता और लष्करी विश्‍लेषक आत्मविश्‍वास से कह रहे हैं। तालिबान ने कश्‍मीर के साथ अपना संबंध ना होने का ऐलान किया है, फिर भी पाकिस्तानी नेता और विश्‍लेषकों का यह विश्‍वास कायम होने की बात दिख रही है।

इसी बीच, संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार परिषद में बोलते समय भारत के प्रतिनिधि इंद्रा मणी पांडे ने अफ़गानिस्तान की स्थिति पर चिंता जताई है। ‘अफ़गानिस्तान में बनी स्थिति की वजह से पड़ोसी देशों के सामने चुनौती खड़ी नहीं होनी चाहिये। ‘लश्‍कर ए तोयबा’ और ‘जैश ए मोहम्मद’ जैसे आतंकी संगठनों को अफ़गानिस्तान का इस्तेमाल करने का अवसर प्रदान ना हो’, यह उम्मीद भी पांडे ने जताई।

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