तालिबान अफ़गानिस्तान को आतंकवाद का केंद्र ना बनाए – ‘ओआयसी’ का इशारा

दुबई – अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल दूसरे देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए होने नहीं देंगे, यह वादा तालिबान कर रहा है। लेकिन, पाकिस्तान और पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठन अफ़गानिस्तान में तालिबान ने हासिल की हुई जीत से भारी उत्तेजित हुए हैं। इन आतंकी संगठनों के सरगने तालिबान पर बधाईयों की बौछार कर रहे हैं। साथ ही इस्लामधर्मी देशों के आतंकी एवं चरमपंथी संगठन तालिबान को आदर्श मानने लगे हैं। ऐसी स्थिति में ‘अफ़गानिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बनने ना दें’, ऐसा निवेदन ‘ओआयसी’ ने तालिबान से किया है।

‘ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआयसी) यह ५७ इस्लामधर्मी देशों का संगठन है। सौदी अरब ने रविवार के दिन इस संगठन की विशेष बैठक बुलाई थी। इस दौरान अफ़गानिस्तान की स्थिति पर चिंता जताई गई है। साथ ही अफ़गानिस्तान में आतंकी संगठनों को फिर से जमने देना मुनासिब नहीं होगा, ऐसा कहकर ‘ओआयसी’ ने इस पर तालिबान को इशारा दिया है। ‘ओआयसी’ के इस इशारे का तालिबान पर ज्यादातर असर होने की संभावना नहीं है। फिर भी इस संगठन का इशारा तालिबान पर अविश्‍वस जतानेवाला होने की बात सामने आ रही है। आनेवाले दिनों में यह तालिबान के लिए बड़ी समस्या साबित हो सकती है।

वर्ष १९९६ में तालिबान ने अमरीका की सहायता से सोवियत रशिया को पीछे हटने के लिए मज़बूर करके अफ़गानिस्तान पर अपनी सत्ता स्थापित की थी। उस समय पाकिस्तान के साथ सौदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति दी थी। लेकिन, अब सौदी और यूएई की नीति में काफी बड़े बदलाव आए हैं। इन देशों को आतंकियों से खतरा है। ऐसी स्थिति में ‘ओआयसी’ पर नियंत्रण रखनेवाले सौदी और यूएई ने तालिबान को आतंक के मुद्दे पर दिया इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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