डेढ़ साल पहले काबुल में बम विस्फोट करवाने वाले ‘आईएस’ के ‘मास्टरमाइंड’ को तालिबान ने मार गिराया – व्हाईट हाऊस और पेंटॅगॉन की जानकारी

वॉशिंग्टन – काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती विस्फोट करवाकर १८३ लोगों की हत्या करनेवाले ‘आईएस’ के मास्टरमाइंड को तालिबान ने मार गिराया। इस कार्रवाई में अमरिकी सेना का किसी भी तरह से योगदान नहीं था, ऐसी जानकारी व्हाईट हाऊस और पेंटॅगॉन ने साझा की। डेढ़ वर्ष पहले काबुल में हुए बम विस्फोट में मारे गए लोगों में अमरीका के १३ सैनिकों का समावेश था। इस वजह से अमरीका इस खबर को अहमियत देती दिख रही है।

१४ अगस्त, २०२१ को तालिबान ने राजधानी काबुल पर कब्ज़ा किया था। कतार की राजधानी दोहा में हुए समझौते के अनुसार ३० अगस्त तक अमरीका और मित्रदेशों की सेना अफ़गानिस्तान से पुरी तरह से वापसी करेगी, यह तय हुआ था। तालिबान की हुकूमत फिर से स्थापित होने से ड़री अफ़गान जनता ने काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बड़ी भीड़ की थी। विदेशी सेना के विमानों से लटककर कई अफगानी जान से जाने के वीडियोज्‌‍ सामने आए थे। काबुल हवाई अड्डे पर ऐसी भगदड़ शुरू थी तभी २६ अगस्त को मुख्य द्वार के करीब बड़ा आत्मघाती विस्फोट हुआ।

इसमें १७० अफ़गानी, १३ अमरिकी सैनिक मारे गए थे। इस हमले का ज़िम्मा ‘आईएस-खोरासन’ ने स्वीकारा था। इस विस्फोट की तीव्र गूंज अमरीका में भी सुनाई पड़ी थी। राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की इसपर कड़ी आलोचना भी हुई थी। अगले कुछ ही दिनों बाद अमरीका ने राजधानी काबूल में ड्रोन हमला करके हवाई अड्डे पर हुए बम विस्फोट के मास्टरमाइंड को मार गिराने का ऐलान किया था। लेकिन, अमरीका के उस ड्रोन हमले में ‘आईएस’ के आतंकवादी नहीं, बल्कि स्थानीय अफ़गान मारे जाने की जानकारी सामने आने के बाद अमरीका को अपनी गलती कबुल करनी पड़ी थी।

इसके बाद बायडेन प्रसासन ने तालिबानी हुकूमत की कड़ी आलोचना करना जारी रखा। तालिबानी हुकूमत में अफ़गानिस्तान में आईएस का प्रभाव बढ़ने का आरोप लगाया जा रहा है। साथ ही तालिबान आईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों के विरोध में कार्रवाई नहीं करती, ऐसी फटकार भी अमरीका ने लगायी थी। तालिबान के नेतृत्व में अफ़गानिस्तान फिर से आतंकवाद का केंद्र बन रहा हैं और पाकिस्तान में सुरू आतंकी हमलों के लिए भी अफ़गानिस्तान के आतंकवादियों के ठिकाने ज़िम्मेदार होने का आरोप अमरीका ने लगाया था। इसके साथ ही इन आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई करने के लिए अफ़गानिस्तान में ड्रोन हमले करने के संकेत अमरीका ने दिए थे।

ऐसी स्थिति में व्हाईट हाऊस और अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने डेढ़ साल पहले काबुल हवाई अड्डे प र हुए विस्फोट को लेकर अहम ऐलान किया। उस आत्मघाती विस्फोट का मास्टरमांइड ‘आईएस-खोरासन’ के प्रमुख कमांड़र को तालिबान ने मार गिराया। इस महीने के शुरू में तालिबान ने इसे खत्म किया, ऐसी जानकारी पेंटॅगॉन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने साझा की। लेकिन, व्हाईट हाउस या पेंटॅगॉन ने मारे गए इस आतंकी कमांडर का नाम सार्वजनिक नहीं किया है। तालिबान ने तो इस मामले में किसी भी तरह का बयान नहीं किया हैं।

काबुल हवाई अड्डे पर मारे गए अमरिकी सैनिकों के परिवार ने व्हाईट हाऊस के इस ऐलान की आलोचना की है। आतंकवादी का नाम और उसकी अधिक जानकारी घोषित करने में व्हाईट हाऊस की कौनसी मुश्किलें हैं, यह सवाल डैरीन हुवर नामक पीड़ित पिता ने किया। आईएस का मास्टरमाइंड के मारे जाने से काबुल हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती विस्फोट के मामले में बायडेन प्रशासन या पेंटॅगॉन आरोपों से मुक्त नहीं होते, ऐसी तीखी आलोचना हुवर ने की।

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