ईरान पर डाले हुए प्रतिबंध और व्यापारयुद्ध की वजह से इंधन के दर १२० डॉलर तक भड़क सकते है

वॉशिंग्टन: अमरिका द्वारा ईरान पर थोपे प्रतिबंध और अंतरर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में शुरू व्यापारयुद्ध की वजह से इंधन के दाम १२० डॉलर प्रति बैरल तर पहुँचेगे, ऐसा दावा इंधन क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है| अमरिक ने ईरान पर प्रतिबंध थोपने के बाद, युरोप साथही एशियाई देशों को ईरान द्वारा इंधन खरीदना बंद करने के लिये कदम उठाये है| इस वजह से इंधन आपूर्ति में घटौती हुई है| अमरिका और सौदी अरेबिया से इंधन उत्पादन बढ़ाने को शुरुआत हुई है| फिर भी यह देश ईरान का रिक्त स्थान लेने में कामियाब नहीं होगें, इस वजह से इंधन के दामों में भारी मात्रा में बढ़ोतरी होने के आसार जताये जा रहे है|

पिछले हफ्ते अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में इंधन की दामो में बड़े उतार-चढाव आये थे| इस पृष्ठभूमी पर ‘वूड मॅकेन्झी’ इस सलाहकार कंपनी की उपाध्यक्षा ऍन-लुईस हिटल ने इंधन बाजार में भारी मात्रा में अस्थिरता पैदा होने का दावा किया था| उसी समय यह अराजक आने वाले समय में बर्रकरार रहने की चेतावनी भी दी थी| हिटल द्वारा यह चेतावनी आने के समय ही, अमरिका ने ईरान के साथ व्यापार में युरोपियन इंधन कंपनियों को छूट देने का प्रस्ताव खारिज करने की जानकारी सामने आयी है|

ईरान, प्रतिबंध, व्यापारयुद्ध, इंधन, दर, १२० डॉलर, भड़क सकते, अमरिका, अर्थव्यवस्थाइस फैसले की वजह से युरोपीयन कंपनीयों द्वारा ईरान के साथ इंधन व्यापार रुकेगा इसपर सहमति होने की बात कही जाती है| यदि ऐसा हुआ तो युरोपीय देशों को अन्य देशों से इंधन की खरीददारी करनी पड सकती है| ईरान द्वारा वर्तमान में हर रोज करीब २० लाख़ बैरल्स से अधिक इंधन का उत्पादन होता है| ‘ओपेक’ के अन्य सदस्य देश, रशिया? और अमरिका यह रिक्त स्थान जल्द नहीं भर सकेंगे यह पिछले कुछ दिनों में आ रहे बयानों से साफ हुआ है| कच्चे तेल की सप्लाई कम हुई तो उसके दाम फिर एक बार भडकने के आसार है|

ईरान का इंधन व्यापार बंद हुआ तो इस कारोबार का मार्ग रहे ‘होर्मुझ आखात’ को रोकने की धमकी ईरान ने दी है| ऐसा हुआ तो एशिया के देशों के होने वाली इंधन सप्लाई रोक दी जा सकती है| उसी समय अमरीका ने चीन, कैनडा साथही युरोपीय देशों पर थोपे हुए टैक्स की वजह से अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार युद्ध तीव्र रुप से भड़कता हुआ दिख रहा है| व्यापार युद्ध में थोपे हुये टैक्स का नतीजा इंधन आयात-निर्यात पर होने के आसार है| इस वजह से इंधन के दाम कुछ मात्रा में भड़क सकते है|

वर्तमान में अंतरर्राष्ट्रीय बजार में कच्चे तेल के दाम ७० डॉलर प्रति बैरल के करीब है| ईरान पर डाले गये प्रतिबंधों पर अमल और व्यापारयुद्ध की वजह से इसमें ५० डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ने के आसार है| यदि ऐसा हुआ आने वाले कुछ महीने में कच्चे तेल के दाम १२० डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच सकते है, ऐसा विशेषज्ञों का दावा है| पिछले हफ्ते में ईरान ने ‘होर्मुझ आखात’ बंद करने की धमकी देने के बाद कुछ विश्‍लेषकों ने कच्चे तेल के दाम २५० डॉलर प्रति बैरल भड़क ने के संकेत जताये थे|

इससे पहले सन २०१४ में कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल १०० डॉलर के उपर गये थे|

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