तालिबान से अमरिकी हथियार पाने की कोशिश में हैं रशिया – सोशल मीडिया का दावा

काबुल – अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने की तैयारी रशिया ने रखी है। लेकिन, इसके बदले में अमरिकी सेना वापस जाते समय अफ़गानिस्तान में छोड़ गए हथियार तालिबान हमारे हवाले करे, ऐसी शर्त रशिया की है। तालिबान जल्द ही इसपर निर्णय करेगी, ऐसा दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इस में विशेष रुचि दिखा रहे हैं, ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है।

साल २०२१ के अगस्त महीने में अमरीका ने अफ़गानिस्तान से पूरी सेना हटाई थी। लेकिन, ऐसा करते हुए अमरीका ने हथियारों का बड़ा भंड़ार खाली किए सैन्य अड्डे पर वैसे ही छोड़ दिया था। शुरू में बायडेन प्रशासन ने ऐसे आरोपों पर बयान करना टाल दिया था। लेकिन, अमरिकी रक्षा मंत्रालय ने सिनेट के सामने रखी जानकारी के अनुसार कम से कम ७.१२ अरब डॉलर्स के हथियार अफ़गानिस्तान में पीछे छुटे थे।

इनमें ३३ ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर्स, २३ सुपर टूकानो लड़ाकू विमान, चार सी-१३० मालवाहक विमान, २२ हज़ार से भी अधिक हम्वी, ११५ सैन्य वाहन, ६३४ बख्तरबंद वाहन, ५.५ लाख मशिनगन्स, १६ हज़ार नाईट विजन गॉगल्स, डेढ़ लाख से भी अधिक रेडिओ तालिबान के हाथ लगने के वीडियोज्‌‍, फोटो सामने आए थे। इससे अमरीका ने अफ़गानिस्तान से सेना हटाते हुए अफ़गानिस्तान के साथ ही प्रगत हथियारों का बड़ा भंड़ार भी तालिबान के हाथ सौप दिया था, ऐसी आलोचना हुई थी। अमरीका ने तालिबान को हथियार देकर मुस्तैद किया, ऐसा आरोप बायडेन प्रशासन पर लगाया गया था।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान की अपनी हुकूमत को अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति प्राप्त हो, ऐसी मांग तालिबान कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की वकालत करने वाला पाकिस्तान या तालिबानी हुकूमत के साथ ईंधन एवं अन्य सहयोग स्थापित करने का समझौता करने वाले चीन ने भी तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान नहीं की है। बल्कि, अमरीका और मित्रदेश मानव अधिकारों का मुद्दा उठाकर तालिबान पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी में होने की खबरे प्राप्त हो रही हैं। ऐसी स्थिति में रशिया ने तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने की तैयारी दर्शायी है।

लेकिन, इसके बदले में अमरीका ने पीछे छोड़े हथियार हमारे हवाले करे, ऐसी मांग रशिया ने तालिबान से की है। रशिया के शीर्ष सोशल मीडिया में यह जानकारी सामने आयी है। तथा, तालिबान के नेता भी रशिया के इस प्रस्ताव की वजह से चौक गए हैं, ऐसा कहा जा रहा है। साथ ही रशिया के प्रस्ताव पर तालिबान विचार कर रही हैं, ऐसा दावा इसमें किया गया है।

यूक्रेन युद्ध में अमरीका और यूरोपिय देश यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं। दूसरी ओर रशिया के हथियारों का भंरार खत्म हो रहा है, ऐसे दावे पश्चिमी माध्यम कर रहे हैं। तालिबान के  जरिये अमरिकी हथियार रशिया को प्राप्त होते हैं तो इसका इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ होने की बड़ी संभावना है। इन हथियारों के प्रत्यक्ष प्रभाव से भी अधिक अमरीका ने अफ़गानिस्तान छोड़ते समय दिखाई लापरवाही का मुद्दा ऐसे में चर्चा का विषय बन सकता है। अमरीका के बायडेन प्रशासन की मुश्किले भी इससे बढ़ सकती हैं।

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