पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रशिया के नैसर्गिक ईंधन वायू निर्यात में विक्रमी बढ़ोतरी

मास्को/लंदन – रशिया-यूक्रेन युद्ध में रशियन हुकूमत को सबक सिखाने के लिए अमरीका के साथ पश्चिमी देशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए हैं। रशियन अर्थव्यवस्था के आधार होने वाले ईंधन क्षेत्र को कमज़ोर करने की कोशिश हो रही हैं और ईंधन की कीमत पर मर्यादा लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया हैं। लेकिन इसके बावजूद ईंधन क्षेत्र में रशियन का वर्चस्व खत्म करने में पश्चिमी गूट नाकाम होने की जानकारी सामने आयी हैं। पिछले १० महीनों में रशिया से हो रही ईंधन वायू की निर्यात विक्रमी स्तर की ओर बढ़ती दिखाई दी है। जनवरी से सितंबर के दौरान रिकॉर्ड निर्यात करने के बाद रशिया के ईंधन वायू निर्यात की अक्तुबर में भी एक प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरी होने की जानकारी ‘ब्लूमबर्ग’ ने साझ्ाा की है।

रशिया ने जनवरी से सितंबर के दौरान औसतन २.७८ दशलक्ष टन ईंधन वायू निर्यात किया था। अक्तुबर महीने में इसकी १.१ प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरी होने की बात ईंधन वायू की निर्यात कर रहें जहाज़ों के आँकड़ों से सामने आयी है। साल २०२१ में यही मत्रा २.६२ दशलक्ष टन थी। इसमें लगातार हो रहीं बढ़ोतरी के मद्देनज़र साल २०२२ के अन्त तक रशिया ईंधन वायू निर्यात का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगी, यह दावा विश्लेषकों ने किया हैं।

रशिया के ईंधन वायू की आयात कर रहें देशों में सबसे अधिक हिस्सा प्रमुख यूरोपिय देश एवं चीन और जापान का है। यूरोप के स्पेन, फ्रान्स, बेल्जियम इन देशों ने रशिया से सबसे अधिक वायू आयात करने की बात सामने आयी है। स्पेन और बेल्जियम ने रशियन ईंधन की आयात का पहले स्थापित विक्रम तोड़ दिया है और फ्रान्स ने पिछले साल की तुलना में छह प्रतिशत अधिक ईंधन वायू रशिया से आयात किया है। जापान ने रशियन ईंधन वायू की आयात बढ़ाने के साथ ही अपनी प्रमुख कंपनियों को रशियन ईंधन क्षेत्र से बाहर ना निकलने के निर्देश देने की बात भी सामने आयी है।

इसी बीच, यूरोप ने २०२२ नहीं बल्की २०२३ के ईंधन भंड़ार पर सोचना होगा, नहीं तो बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दी हैं।

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