प्रमुख पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं को मंदी का खतरा – वित्तसंस्था और आर्थिक विशेषज्ञों की चेतावनी

वॉशिंग्टन – विश्व की शीर्ष पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं को मंदी का खतरा होने की चेतावनी वित्तसंस्था और आर्थिक विशेषज्ञों ने दी है। शीर्ष मूल्यांकर्न संस्था ‘फिच रेटिंग्ज्‌‍’ के अधिकारियों ने मंदी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए इशारा दिया है कि, यूरोप की शीर्ष अर्थव्यवस्थाएं ब्रिटेन, जर्मनी और इटली के अलावा अमरीका का निश्चित ही नुकसान होगा। इसी बीच अमरीका के शीर्ष आर्थिक विशेषक नुरिअल रुबिनी ने साल २०२३ का आर्थिक संकट यानी ‘ग्रेट स्टैग्फ्लेशनरी डेट क्राइसिस’ होगा, इसका अहसास दिलाया।

चीन से २०१९ में कोरोना की महामारी फैलने के बाद साल २०२० में विश्व की कई अर्थव्यवस्थाओं को मंदी का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल २०२१ में वैश्विक अर्थव्यवस्था धीरे धीरे सामान्य होने के संकेत प्राप्त हुए थे। लेकिन, पिछले साल शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद सभी आर्थिक गणित बिगड़ते दिख रहे हैं।

युद्ध की वजह से ईंधन की कीमते उछाल पर हैं और वैश्विक सप्लाई चेन भी बिगड़ी हैं और अधिकांश देशों में महंगाई का भी उछाल हुआ हैं और आम जनता को ‘कॉस्ट ऑफ लीविंग क्राइसिस’ का मुकाबला करना पड़ रहा हैं। महंगाई कम करने के लिए दुनिया की सभी सेंट्रल बैंकों ने ब्याजदर बढ़ाने की नीति अपनाई हैं। इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा हैं और कई क्षेत्र की मांग कम होती दिख रही हैं।

अमरीका और यूरोपिय देशों के साथ कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को इस सबसे नुकसान पहुंचा हैं। ‘जी ७’ की प्रमुख अर्थव्यवस्था के गुट में अमरीका के अलावा अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्थाओं का विकास दर फिसलने की जानकारी सामने आयी है। इनमें ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रान्स, कनाड़ा और जापान का समावेश हैं। साल २०२२ के आखरी तिमाही में जर्मनी, इटली, फ्रान्स और कनाड़ा के विकास दर की गिरावट हुई हैं। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था मंदी में होने के दावे आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषक कर रहे हैं।

अमरीका में पिछले साल विकास दर की बढ़ोतरी देखी गई हैं, फिर भी इस वर्ष के अन्त में अमरीका की अर्थव्यवस्था भी मंदी का सामना करेगी, ऐसा इशारा फिच रेटिंग्ज्‌‍ के वरिष्ठ अधिकारी जेम्स मैक्करमैक ने दिया। जर्मनी और इटली जैसे प्रमुख यूरोपिय अर्थव्यवस्थाओं का महंगाई दर फिर से उछलने के मुद्दे पर मैक्करमैक ने ध्यान आकर्षित किया। ब्रिटेन के साथ जर्मनी और इटली जैसे यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था के देशों की गिरावट की गूंज यूरोप के अन्य देशों में भी सुनाई देने की संभावना हैं। पिछले महीने ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ ने घोषित रपट में महंगाई से सबसे अधिक नुकसान यूरोपिय महाद्वीप को पहुंचेगा, ऐसी चेतावनी दी गई थी।

जनवरी महीने में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक जैसी प्रमुख आर्थिक संस्थाओं ने भी वैश्विक मंदी के खतरे पर ध्यान आकर्षित किया था। वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई क्षेत्र को इस वर्ष आर्थिक मंदी से नुकसान पहुंचेगा, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दी थी।

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