अमरीका के बायडेन प्रशासन द्वारा ३७ चीनी कंपनियां ‘ब्लैकलिस्ट’ – अमरीका ने गलत तरीके से लक्ष्य करने की चीन द्वारा आलोचना

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका के बायडेन प्रशासन ने चीन की ३७ कंपनियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने का ऐलान किया है। इनमें गुणसूत्र-संबंधी कॉम्प्युटिंग और शस्त्र बनानेवाली कंपनियों का समावेश है। अमरीका की इस कार्रवाई पर चीन ने तीव्र बयान किया है। अमरिकी प्रशासन गलत तरीले से चीनी कंपनियों को लक्ष्य कर रहा है, ऐसा आरोप चीन के विदेश मंत्रालय ने लगाया। यूक्रेन युद्ध में रशिया को चीन ने सहयोग करने के मुद्दे पर अमरीका और पश्चिमी देशों ने गंभीर प्रभाव की चेतावनी दी थी। इसके बाद अमरीका की दो यंत्रणाओं ने कोरोना के मुद्दे पर चीन पर आरोप लगाया था। इसके बाद अमरीका ने अब चीनी कंपनियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ करके अधिक आक्रामकता से चीन विरोधी कदम उठाने के संकेत दिए हैं।

अमरीका के व्यापर विभाग ने गुरुवार को ‘ट्रेड ब्लैकलिस्ट’ जारी की। इस ब्लैकलिस्ट में ३७ चीनी कंपनियों का समावेश है। इनमें गुणसूत्र-संबंधी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्यरत ‘बीजीआई’ एवं क्लाउड कम्प्युटिंग क्षेत्र की ‘इनस्पर’ कंपनी के नाम शामिल हैं। इसके अलावा चीन के रक्षाबलों का आधुनिकीकरण, शस्त्र निर्माण एवं ईरान, पाकिस्तान और म्यांमार की सहायता करने वाली कंपनियों का भी समावेश होने की बात स्पष्ट हुई है।

‘अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होगा या विदेश नीति के उद्देश्यों के लिए चिंताजनक साबित होगी, ऐसी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाता है। इन कंपनियों के कारोबार की गहराई से जांच होती है’, इन शब्दों में व्यापार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी थिआ केंडलर ने कार्रवाई का समर्थन किया। व्यापार विभाग के निवेदन में ‘बीजीआई रिसर्च’ कंपनी का विशेष ज़िक्र किया गया है। यह कंपनी चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की व्यापक जासूसी में सहायता करती है, ऐसी आशंका अमरिकी प्रशासन ने व्यक्त की। इस कंपनी से प्राप्त हो रही गुणसूत्र-संबंधी जानकारी चीन के सैन्य कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल होने का खतरा है, यह भी इसमें दर्ज़ किया गया है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने खुलेआम चीन विरोधी व्यापार युद्ध शुरू करके बड़ी चीनी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। ट्रम्प की कार्रवाई का अमरिकी जनता ने स्वागत किया था। अमरिकी मित्र देशों के साथ विश्व के कई देशों ने यही दोहराकर चीनी कंपनियों के खिलाफ आक्रामक कदम उठाए थे। इसके मद्देनज़र ट्रम्प के बाद सरकार की बागड़ोर संभालने वाले ज्यो बायडेन भी चीन विरोधी कार्रवाई जारी रखने के लिए मज़बूर किए गए थे। बायडेन प्रशासन ने टिकटॉक के साथ चीन की कई प्रमुख कंपनियों पर पाबंदी लगाने का एवं उन्हें ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है। नई कार्रवाई भी इसी का हिस्सा है। बायडेन प्रशासन की इस कार्रवाई को चीन की ताइवान विरोधी बढ़ती गतिविधियां और रशिया की नज़दिकीयां भी ज़िम्मेदार होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

इसी बीच, अमरीका की कार्रवाई के खिलाफ चीन ने कड़ी आलोचना की है। ‘चीनी कंपनियों को खत्म करने के लिए अमरीका कोई न कोई वजह ढूंडती रहती है। अमरीका सिद्धांतिक स्तर पर पूर्व दूषित नज़रिया छोड़ दे। चीनी कंपनियों को सताना तुरंत बंद करे। चीन अपनी कंपनियों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएगा’, ऐसा इशारा चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दिया है।

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