अयोध्या में राम मंदिर की निर्मिती अब शुरू हो सकेगी

नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवारी घोषित किए निर्णय के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करने की राह खुल गई है| इस का पूरे देश में स्वागत हो रहा है| आम नागरिकों से नामांकित व्यक्ती भी इस निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय का अभिनंदन किया है| इस निर्णय पर पूरे देश में आनंद व्यक्त किया जा रहा है, तभी इसी बीच किसी की भावनाओं को ठेस ना लगे, इसका ध्यान बडी प्रगल्भता से जनता ने दिखाया है और इसका स्वागत भी हो रहा है| इस वजह से संबंधित निर्णय के बाद पूरे देश में कही पर भी अनुचित घटना दर्ज नही हुई है|

अयोध्या की विवादित कही जा रही २.७ एकर की जगह सर्वोच्च न्यायालय ने किए निर्णय के अनुसार केंद्र सरकार दो स्वाधीन की जाएगी| इस जगह पर राम मंदिर का निर्माण करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने में ट्रस्ट का निर्माण करने के लिए कहा गया है| इसी ट्रस्ट से राम मदिर के निर्माण की कार्यवाही पुरी करेगा| इस जगह पर दावा करनेवाले ऑल इंडिया मुस्लिम वक्फ बोर्डको मस्जिद का निर्माण करने के लिए अयोध्या में सही जगह पर पांच एकड जमीन देने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिए है| साथ ही इस मुकदमे में पक्ष बने निर्मोही आखाडा को भी केंद्र सरकार की ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व देने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिए है| इस वजह से यह निर्णय संतुलित होने का दावा किया जा रहा है और इस निर्णय का स्वागत भी हो रहा है|

सरन्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश शरद बोबडे, न्यायाधीश अशोक भूषण, न्यायाधीश डी.वाय.चंद्रचूड और न्यायाधीश एस.अब्दुल नझिर की पीठ ने पूरी सहमति से यह निर्णय घोषित किया| इस पीठ के सामने करीबन ४० दिनों तक इस मुकदमे की सुनवाई हुई| इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने यह विवाद पर बातचीत और समझौते से हल निकालने के लिए मध्यस्थता की नियुक्ती भी की थी| यह कोशिश असफल होने पर सर्वोच्च न्यायालय में इस मुकदमे पर सुनवाई शुरू हुई| सुनवाई पूरी होने पर सर्वोच्च न्यायालय के सरन्यायाधीश रंजन गोगोई ने शनिवार की सुबह करीबन ११.१५ बजे इस मुकदमे के निर्णय का वाचन शुरू किया|

इस मुकदमे में न्यायालय ने १०४५ पन्नों का निर्णयपत्र तैयार किया है| इसमें से अमल करने के लिए जरूरी मुद्दों का सरन्यायाधीश ने करीबन ४५ मिनिटों तक वाचन करके निर्णय घोषित किया| अयोध्या में इस जगह पर प्राचिन वास्तू के अवशेष प्राप्त होने की बात पूरातत्व विभाग ने कही थी, इसे ध्यान में रखकर बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी खुली जगह पर नही हुआ, यह बात सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकारी| इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय ने पूरातत्व विभाग ने रखे रपट का दाखिला भी किया|

इस निर्णय की पृष्ठभूमि पर देश भर में सुरक्षा व्यवस्था बढाई गई थी| केंद्रीय गृहमंत्रालय लगातार पूरे देश की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर रहा था| साथ ही देश के सभी पुलिस दलों ने इस दौरान की सुरक्षा के लिए पूरा ध्यान रखा था| किसी की भी भावना को ठेस पहुंचानेवाली कार्रवाई एवं अफवाह फैलाने की कोशिश बर्दाश्त नही की जाएगी, ऐसी कडी चेतावनी भी पुलिस दे रही थी| इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए फैलाए जानेवाले संदेशों पर भी अपनी कडी नजर है, यह इशारा पुलिस अधिकारी दे रहे थे| पर, इस मुकदमें पर सर्वोच्च न्यायालय ने किए निर्णय का स्वागत करके एवं इस संदर्भ में अभिनंदन एवं सदिच्छा देने का काम हो रहा था| इस वजह से समाज में सौहार्द बने रहने की बात सामने आ रही थी

इसी बीच रविवार के दिन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का उत्साह देखना शुरू हुआ| शनिवार और रविवार के दिन बडी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने रामलल्ला का दर्शन किया| हनुमानगढी, नया घाट पर रविवार के तडके से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी थी| वहां पर लगातार भजन एवं किर्तन शुरू होने की बात स्थानिय लोग बता रहे है| कई वर्षों से कायम रहें रामजन्मभूमि संबंधित विवाद अब खतम हुआ है और अब भव्य राम मंदिर के निर्माण की राह खुल चुकी है, यह कहकर श्रद्धालु आनंद व्यक्त कर रहे थे| कार्तिक पुर्णिमा के लिए श्रद्धालूं बडी संख्या में अयोध्या पहुंचे है और इसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय किया है| इससे अपना उत्साह दोगुना हुआ है, यह इन श्रद्धालुओं का कहना है| वही, अगले समय में अयोध्या फिर से अपना सुवर्णकाल दुबारा प्राप्त करेगी, यह भरौसा अयोध्यावासी व्यक्त कर रहे है|

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