पाकिस्तान को ‘पीओके’ के अत्याचारों की कीमत चुकानी होगी – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की चेतावनी

श्रीनगर – ‘मानव अधिकारों के नाम से रोता रहा पाकिस्तान ‘पीओके’ (पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्मीर) में भारतीय जनता पर अत्याचार कर रहा हैं। इसकी कीमत पाकिस्तान को चुकानी होगी। भारत ने जम्मू-कश्मीर के साथ लद्दाख के विकास की यात्रा शुरू की हैं। गिलगिट और बाल्टिस्तान तक पहुँचे बिना यह यात्रा पुरी नहीं होगी’, ऐसा सूचक बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया हैं। पाकिस्तान ने अवैध ढ़ंग से हथिया लिया भारत का यह क्षेत्र फिर से देश से जोड़ा जाएगा, ऐसें स्पष्ट संकेत इसके ज़रिये रक्षामंत्री ने दिए हैं। श्रीनगर में आयोजित शौर्य दिवस के समारोह को संबोधित करते समय रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को यह चेतावनी दी।

जम्मू-कश्मीर में भारत मानव अधिकारों का हनन कर रहा हैं, ऐसी चिल्लाहट पाकिस्तान करता रहा हैं। लेकिन, ‘पीओके’ की जनता को पाकिस्तान कितने अधिकार देता हैं, यह सवाल रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। ‘पीओके’ की जनता भारतीय हैं और इस जनता को पाकिस्तान की अमानवीय हरकतों का सामना करना पड़ रहा हैं। लेकिन, पाकिस्तान इस क्षेत्र में लगा रहें बबुल के कांटे अन्त में पाकिस्तान के जड़ों ही नुकसान पहुँचाएंगे। जुल्मी शासकों को उनके कर्म की सज़ा मिलती ही हैं, इसका दाखिला भी इतिहास देता हैं। पाकिस्तान को भी वहां की भारतीय जनता पर अन्याय करने की सज़ा मिलकर ही रहेगी, ऐसें सीधे शब्दों में रक्षामंत्री ने पाकिस्तान पर हमला किया।

भारत ने जम्मू-कश्मीर के साथ लद्दाख के विकास की यात्रा शुरू की हैं और यहां के विकास को नई उंचाई भी प्रदान की हैं। लेकिन, भारत के विकास की यह यत्रा गिलगिट बाल्टिस्तान तक पहुँचे बिना पुरी हो ही नहीं सकती, ऐसें स्पष्ट शब्दों में भारत ने ‘पीओके’ की जनता की ओर पीठ नहीं की हैं, इसका अहसास रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को कराया। शौर्य दिवस के अवसर पर रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को दिया यह इशारा ध्यान आकर्षित करता हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यासपीठ पर पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत को चुनौती देने की कोशिश कर रहा हैं और इसी बीच रक्षामंत्री ने पाकिस्तान पीओके में मानव अधिकारों का हनन कर रहा है, इसपर ध्यान आकर्षित किया। भारत कश्मीर में मानव अधिकारों का हनन कर रहा हैं, ऐसी चिल्लाहट वैश्विक स्तर पर करने की हद तक ही पाकिस्तान की विदेश नीति सीमित हैं। लेकिन, पाकिस्तान बिल्कुल ही मानव अधिकारों का सम्मान करनेवाले देश नहीं हैं और इस मोर्चे पर पाकिस्तान का इतिहास घना काला हैं। ऐसें देश ने भारत पर लगाए आरोपों को थोड़ा सा भी आधार नहीं हो सककता, यह ऐलान भारत का नेतृत्त्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार करता रहा हैं। फिर भी पाकिस्तान ने अपनी चिल्लाहट बंद नहीं की है।

ऐसी स्थिति में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शौर्य दिवस को अवसर बनाकर सख्त शब्दों में स्थिति का अहसास कराया। कश्मीर का मसला खत्म हुआ हैं और सीर्फ ‘पीओके’ पर पाकिस्तान ने किए अनधिकृत कब्ज़े तक ही सीमित बचा हैं, ऐसा इशारा भारत ने पहले ही दिया था। अब पीओके की जनता को न्याय देने के लिए भारत की विकासयात्रा गिलगिट-बाल्टिस्तान तक पहुँचाने का निर्धार व्यक्त करके राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान समेत इसका समर्थन करेवाले देशों को भी उचित संदेश दिया है।

रक्षामंत्री का यह बयान प्रसिद्ध हो रहा था तभी भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय चर्चा से कश्मीर मसले का हल निकालें, ऐसी सलाह चीन के विदेश मंत्रालय ने दी। कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ कश्मीर मामले में हस्तक्षेप करें, ऐसी माँग करके भारत को उकसाने वाले जर्मनी ने भी कश्मीर यह भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला होने की बात स्वीकार की थी। लेकिन, भारत ने कश्मीर या अन्य किसी भी मुद्दे पर पाकिस्तान से चर्चा ना करने की नीति अपनाई हैं। जब तक पाकिस्तान आतंकी हरकतें बंद नहीं करता और भारत में हमलें कर रहें आतंकियों पर सख्त कार्रवाई नहीं करता, तबतक पाकिस्तान से चर्चा नहीं होगी, यह ऐलान भारत ने किया हैं।

पाकिस्तान को फिलहाल भारत से चर्चा करके अपनी प्रतिमा सुधारनी होगी। लेकिन, पाकिस्तान को जब चाहिए होगा तब चर्चा और इसे जब चाहिये होगा तब युद्ध, ऐसा नहीं हो सकता। युद्ध हो या चर्चा भारत अपनी इच्छा के अनुसार विकल्प देगा, यह इशारा राष्ट्रीयसुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने कुछ ही महीने पहले दिया था।

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