पाकिस्तान की धमकियों का भारत पर असर नहीं होगा – केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – क्या बलोचिस्तान पाकिस्तान से जुदा होगा, कुछ विश्लेषक यह चिंता व्यक्त कर रहे थे, तब पाकिस्तान सरकार ने ’कश्मीर दिवस’ मनाकर भारत के खिलाफ जहर उगला। जम्मू-कश्मीर में तथाकथिर अत्याचारों के खिलाफ पाकिस्तान हमेशा कश्मीर का साथ देगा, ऐसा प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कहा। तो कश्मीर प्रश्न पर अंतरराष्टीय समूदाय को हस्तक्षेप करे, ऐसी मांग इम्रान खान ने फिर से की है। तो पाकिस्तान की इन धमकियों का भारत पर असर नहीं पडेगा ऐसा भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है।

पाकिस्तान की धमकियों का भारत पर असर नहीं होगा - केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंहहर वर्ष ५ फरवरी के दिन पाकिस्तान कश्मीर दिवस मनाता है। पाकिस्तान कश्मीरी जनता के साथ होने की बात विश्व को बताने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। प्रति वर्ष की तरह इस बार भी पाकिस्तानी नेताओं ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत को धमाया। प्रधानमंत्री इम्रान खान ने मांग की कि, अंतरराष्ट्रीय समूदाय को कश्मीर के प्रश्न में हस्तक्षेप करके भारत के अत्याचार रोकने चाहिएं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति, विदेषमंत्री, अंतर्गत सुरक्षामंत्री और सेनाप्रमुखों ने भी भारत पर जहर उगला है।

भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत पर दोष मढनेवाले पाकिस्तान का कडे शब्दों में जवाब दिया। ’पाकिस्तान की धमकियों और बदनामियों का भारत पर असर नहीं होगा। पाकिस्तान द्वारा की जानेवाली बदनामियों का मुकाबला करने के लिए भारत सज्जित है। कश्मीर का मसला यदि है तो वह पाकिस्तान के अवैध कब्ज़ेवाले कश्मीर का भूभाग है’, ऐसा प्रहार जितेंद्र सिंह ने किया।

पाकिस्तान की धमकियों का भारत पर असर नहीं होगा - केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंहसन १९४७ से कश्मीर भारत का अविभाज्य भूभाग है, यह बात पाकिस्तान को हजम नहीं हो रही है। इसी लिए पाकिस्तान ने इसके खिलाफ हर संभव कोशिश कर ली। कश्मीर के लिए पाकिस्तान ने तीन युद्ध किए। इसके बाद भारत को हजारों घावों से लथपथ करने की साज़िशें रचकर आतंकवादी हमले किए। मगर इससे पाकिस्तान को कामयाबी हासिल नहीं हुई। अब नए षडयंत्र रचने के लिए पाकिस्तान ने आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शुरु किया है। मगर पाकिस्तान की इन गतिविधियों को उत्तर देने के लिए भारत पूरी तरह से समर्थ है’, ऐसा जितेंद्र सिंग ने कहा।

तो, भारत से कश्मीर छीनने की कोशिश में पाकिस्तान बंगलादेश से हाथ धो बैठा। अब बलोचिस्तान हाथों से जाने की स्थिति में है। ऐसी स्थिति में भी भारत से दुष्मनी बरकरार रखी तो पाकिस्तान का भविष्य ही नहीं रहेगा, इस तरह से इस देश के बद्दीमान लोग आगाह कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था ढह चुकी है और कर्ज पर पाकिस्तान का कारोबर निर्भर करता है, यह बात प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कुछ सप्ताह पूर्व कबूली थी। ऐसी स्थिति भारत जैसे राष्ट्र से टकराकर कश्मीर पाने की कोशिश पकिस्तान के लिए घातक साबित होगी। कश्मीर महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान? इस बात पर विचार करने का समय आया है, ऐसा इशारा विश्लेषक तथा पत्रकारों ने भी अपनी सरकार तथा सेना को दिया था।

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