‘एफएटीएफ’ के ड़र से पाकिस्तान ने आतंकी ‘हक्कानी’ को अफ़गानिस्तान भेजा

काबुल – अगले सप्ताह में हो रही ‘फायनान्शियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान ‘ब्लैक लिस्ट’ होना लगभग तय होने का दावा किया जा रहा है। ‘ब्लैक लिस्ट’ से बचने के लिए पाकिस्तान ने अब अपने मित्रदेशों के सामने गिड़गिड़ाना शुरू किया है। साथ ही ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई टल जाने तक पाकिस्तान की सेना ने ‘हक्कानी नेटवर्क’ इस आतंकी संगठन का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को फिलहाल अपना ड़ेरा अफ़गानिस्तान में लगाने की सूचना की जानकारी सामने आयी है। हक्कानी के साथ पाकिस्तान में मौजूद अन्य आतंकी संगठनों के आतंकी भी अब अफ़गानिस्तान में ड़ेरा जमाए होने की बात बीते कुछ दिनों से प्राप्त हो रहे समाचारों से सामने आ रही है।

‘हक्कानी’

‘एफएटीएफ’ की ‘ब्लैक लिस्ट’ के ड़र से पाकिस्तान काफी ड़रा हुआ है। इस ‘ब्लैक लिस्ट’ से बचने के लिए पाकिस्तान ने अमरिकी कंपनी का इस्तेमाल करके ‘एफएटीएफ’ पर प्रभाव डालने की योजना बनाई है। साथ ही चीन, तुर्की, मलेशिया से चर्चा करके पाकिस्तान के समर्थन में ‘वोट’ करने के लिए गिड़गिड़ाना शुरू किया है। राजनीतिक स्तर पर पाकिस्तान की यह गतिविधियां जारी हैं तभी पाकिस्तान की सेना और कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ ने ‘मोस्ट वाँटेड़’ सूचि में शामिल देश की आतंकी संगठन एवं उनके प्रमुखों को अफ़गानिस्तान भेजा है, यह दावा हो रहा है।

‘हक्कानी’

एफएटीएफ’ से संबंधित ‘एशिया पैसिफिक ग्रूप’ (एपीजी) की बैठक की कार्रवाई शुरू होते ही ‘आयएसआय’ ने हक्कानी और अन्य आतंकियों को अफ़गानिस्तान भेजा है। पाकिस्तान में आतंकी नहीं है, यह दिखावा ‘आयएसआय’ को करना है। इसी कारण पाकिस्तान ने बलुचिस्तान के ‘क्वेट्टा’ में ड़ेरा जमानेवाले आतंकी नेता सिराजुद्दीन हक्कानी को अफ़गानिस्तान के हेल्मंड प्रांत में भेजा है। बीते सप्ताह ११ अक्तुबर के दिन हेल्मंड प्रांत में तालिबानी आतंकियों ने किए हमले के पीछे पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों को अफ़गानिस्तान में सुरक्षित घुसपैठ करने के लिए अवसर प्रदान करने की योजना थी, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की है। आगे यही आतंकी हेल्मंड में जारी संघर्ष में शामिल हुए थे।

हेल्मंड में जारी संघर्ष में तालिबान के साथ अल-कायदा, लष्कर ए तोयबा और जैश ए मोहम्मद यह आतंकी संगठन लड़ रहे हैं, यह जानकारी भी सामने आयी है। हेल्मंड के इस संघर्ष में जैश के आतंकी बड़ी मात्रा में घायल हुए हैं और अफ़गानिस्तान के अस्पताल इन आतंकियों से भर गए हैं। पाकिस्तान के इस छुपे युद्ध का भी पर्दाफाश हुआ है और ‘एफएटीएफ’ की बैठक की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान की इज्जत उछाली गई है, यह दावा भी किया जा रहा है। फिलहाल हेल्मंड में मौजूद सिराजुद्दीन हक्कानी ने तालिबान के कमांडर और अन्य कमांडर्स से भेंट करना शुरू किया है। इससे पहले भी पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ आतंकियों की सहायता करने में जुटी होने के सबूत सामने आए थे।

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