अमरिका की लष्करी सहायता स्वीकार करके पाकिस्तान ने दिया ईरान को झटका

वॉशिंग्टन/इस्लामाबाद: ईरान के मेजर जनरल कासेम सुलेमानी को ढेर करने के बाद ईरान को किसी की भी सहायता प्राप्त ना हो, इसका प्रावधान करने के लिए अमरिका ने गतिविधियां शुरू की है| अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने इसी वजह से अहम देशों से बातचीत करने का वृत्त है| इसमें पाकिस्तान का भी समावेश रहा| पर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खास से बातचीत करने के बजाए अमरिकी विदेशमंत्री ने पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल बाजवा से बातचीत की| साथ ही अमरिका ने पाकिस्तान की रोक रखी हुई लष्करी सहायता फिर से प्रदान करने का निर्णय किया है| इस वजह से अहम समय पर ईरान का साथ देने के बजाए पाकिस्तान ने फिर से अमरिका का हाथ थामा दिख रहा है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पाकिस्तान की रोक रखी लष्करी सहायता दुबारा प्रदान करने का निर्णय किया| ईरान को किसी भी प्रकार की सहायता ना करने की शर्थ पर अमरिका ने पाकिस्तान को यह सहायता प्रदान करने की तैयारी जताई होगी, यह आशंका पाकिस्तान के ही सामरिक विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है| कासेम सुलेमानी जैसा ईरान का काफी अहम लष्करी अफसर खतम करके अमरिका ने पाकिस्तान पर अपनी भूमिका अपनाने के लिए दबाव बढाया है| इस दबाव का पाकिस्तान शिकार हुआ तो अगले समय में अपना देश बचीकुछी इज्जत भी खोकर रहेगा, यह चिंता यह सामरिक विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है| यह बात बडी मात्रा में सार्वजनिक होने पर पाकिस्तान की सेना इस मुद्दे पर खुलासा करने के लिए मजबूर हुई है|

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल असिफ गफूर ने ईरान के विरोध में अमरिका की पाकिस्तान सहायता करेगा, यह दावा ठुकराया| यह सभी भारत का दुष्प्रचार होने का चौकानेवाला विचित्र दावा भी मेजर जनरल असिफ गफूर ने किया और इस का पाकिस्तान के माध्यम और जनता शिकार ना हो, यह निवेदन भी गफूर ने किया| पर, पाकिस्तान अभी तक अमरिका के हमलें पर एक भी शब्द का उच्चार करने से दूर रहा है| यह बात ही पाकिस्तान की नीति पर बनी आशंका बढाने के लिए काफी है| कासेम सुलेमानी ने पाकिस्तान के बलुचिस्तान प्रांत में हथियारी दल का निर्माण किया था, ऐसी खबरें भी फैलाई जा रही है| इसके जरिए सुलेमानी पर अमरिका ने की कार्रवाई का पाकिस्तान समर्थन ही करता दिख रहा है|

पाकिस्तान की सरकार और सेना सुलेमानी को लेकर कुछ भी दावे कर रहे है, पर पाकिस्तान की जनता अमरिका की इस हरकत पर क्रोध व्यक्त कर रही है| शुक्रवार, शनिवार और रविवार के दिन भी पाकिस्तान के इस्लामाबाद और कराची शहर में अमरिका के निषेध में मोर्चा निकाला गया| अमरिका का विनाश हो, यह नारे भी पाकिस्तानी प्रदर्शनकारी दे रहे थे| ऐसी स्थिति में अमरिका के पक्ष में भूमिका लेना पाकिस्तान की सरकार और सेना के लिए भी कठिनाई हो सकती है|

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