सूड़ान में दो महीनों से शुरू गृहयुद्ध मे १,८०० से अधिक की मौत – २० लाख हुए बेघर

खार्तूम – पिछले आठ हफ्तों से सूड़ान की सेना और अर्धसैनिक बलों के हो रहे संघर्ष में अबतक ९५८ नागरिकों के मारे जाने का दावा डॉक्टरों के गुट ने किया है। लेकिन, इस गृहयुद्ध में मारे गए लोगों की संख्या १,८०० से अधिक होने का बयान अंतरराष्ट्रीय संगठन ने किया है। साथ ही इस संघर्ष के कारण अबतक कम से कम २० लाख लोग बेघर हुए हैं। ऐसी स्थिति में भी सूड़ान के दोनों ने पड़ोसी देशों ने युद्ध विराम करने के लिए किया आवाहन फिर से ठुकराया है। ऐसे में मानवीय सहायता मुहैया करने में बाधाएं निर्माण होने से इस अफ्रीकी देश में भूखमरी का संकट अधिक खतरनाक हो जाएगा, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ दे रहा है। 

गृहयुद्धसेनाप्रमुख जनरल बुरहान और अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल डागलो के बैर के कारण पिछले दो हफ्तों से सूड़ान में संघर्ष हो रहा हैं। इन गुटों के मतभेद चरम स्तर पर पहुंचे हैं और दोनों दलों के प्रमुख बातचीत छोड़ो, लेकिन एक-दूसरें का मूंह देखने के लिए भी तैयार ना होने का दावा किया जा रहा है। केनिया की अध्यक्षता में इथिओपिया, सोमालिया और साउथ सूड़ान इन चार पड़ोसी देशों ने आयोजित की हुई बैठक में सूड़ान के इन दोनों गुटों से युद्ध विराम करने के लिए गुहार लगाई गई। लेकिन, सूड़ान की जनता का घात करने वाले दागलो के साथ चर्चा नहीं करेंगे, ऐसा जनरल बुरहान ने स्पष्ट किया।  

पिछले हफ्ते से दूसरी बार सूड़ान के सेना प्रमुख ने अर्धसैनिक बल के प्रमुख से चर्चा करने से इनकार किया है। १५ अप्रैल से शुरू इस संघर्ष के लिए अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल डागलो ही जिम्मेदार है, ऐसा आरोप जनरल बुरहान लगा रहे हैं। अबतक के इस संघर्ष में कुल १,८०० से भी अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग २० लाख बेघर हुए हैं। इनमें से चार लाख ७६ हज़ार लोगों ने पड़ोसी देशों में आश्रय पाया है। दोनों गुट युद्ध विराम या शांतिवार्ता के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं और इस वजह से सूड़ान में मानवीय सहायता पहुंचाने पर भी असर हो रहा है, ऐसी चिंता संयुक्त राष्ट्र संघ व्यक्त कर रहा हैं। 

सूड़ान की जनसंख्या ४.५ करोड़ हैं। पिछले दो महीनों के संघर्ष के कारण इस जनसंख्या के आधे से अधिक यानी ढ़ाई करोड़ लोग मानवीय सहायता को तरसेंगे। इससे पहले ही सूड़ान के सामने भूखमरी का संकट खड़ा हुआ था। लेकिन, इस संघर्ष की वजह से इस संकट की तीव्रता अधिक बढ़ी है, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ ने दी है। इसी बीच अमरीका ने सूड़ान के दोनों गुटों पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया है। इशसे सूड़ान की जनता को सहायता मुहैया करने में मुश्किलें खड़ी हो सकती है, इस ओर राष्ट्र संघ ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। 

इसी बीच, सूड़ान का यह गृहयुद्ध सिर्फ सत्ता संघर्ष का हिस्सा है, ऐसा दावा किया जा रहा है। लेकिन, इश संघर्ष के पीछे सूड़ान में मौजूद सोने के भंड़ार एवं इसकी सामरिक अहमियत ज़िम्मेदार है, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कह रहे है। कुछ महीने पहले रशिया ने सूड़ान की हुकूमत के साथ सोने का खनन करने संबंधित समझौता करके ध्यान आकर्षित किया था। साथ ही समुद्री यातायात के लिए रेड सी की बड़ी अहमियत है और इस क्षेत्र में मौजूद सूड़ान के नौसैनिक अड्डे पाने में भी अमरीका और रशिया की स्पर्धा शुरू हुई है। यही सूड़ान में संघर्ष छिड़ने का प्रमुख कारण होने के दावे विश्लेषक कर रहे हैं। 

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