तुर्की-सीरिया भूकंप में मरनेवालों की संख्या ५० हज़ार पर – भूकंप के बाद महसूस हुए ९,००० से अधिक झटके

अंकारा/दमास्कस – तुर्की-सीरिया के प्रलयंकारी भूकंप में मरनेवालों की संख्या बढ़कर ५० हज़ार से अधिक हुई है। अकेले तुर्की में इस भूकंप में ४४,००० हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है और सीरिया में लगभग छह हज़ार लोगों की मौत हुई है। शनिवार सुबह ५.५ रिश्टर स्केल तीव्रता का झटका लगा। पिछले १९ दिनों में इस क्षेत्र में भूकंप के ९,००० से अधिक झटके महसूस हुए हैं और इसकी वजह से राहतकार्य बाधित होने का दावा किया जा रहा है।

६ फ़रवरी की रात तुर्की-सीरिया के सरहदी क्षेत्र पर ७.८ रिश्टर स्केल तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुए। तुर्की में गैरज़िम्मेदारी से किए गए इमारतों का निर्माण कार्य इस भूकंप के झटकों से पत्ते की भांति ढ़ह गया। तुर्की के ‘डिज़ास्टर ऐण्ड इमर्जन्सी मैनेजमेंट अथॉरिटी’ ने शुक्रवार देर रात जारी की हुई जानकारी के अनुसार इस भूंकप में तुर्की के ४४,२१८ लोगों की मौत हुई और ८०,००० से अधिक घायल हुए।

तुर्की के हताय क्षेत्र में अब भी कई इमारतों के मलबे हटाने का काम नहीं हुआ है। इसकी वजह से इस मलबे में अब भी सैंकड़ों लोग दबे होने की संभावना जताई जा रही है। राहतकार्य के लिए लगभग ढ़ाई लाख लोगों के उतरने का दावा तुर्की की यंत्रणा कर रही है। लेकिन, एर्दोगन की सरकार राहतकार्य में प्रामाणिक ना होने का आरोप तुर्की में तीव्र हो रहा है।

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इस भूकंप के राहतकार्य के मुद्दे पर मई में चुनाव लड़ेंगे, ऐसा आरोप तुर्की का विपक्ष लगा रहा है। इसके विपरीत, अंतरराष्ट्रीय सहायता से किसी हद तक नजरअंदाज की गई सीरिया की अस्साद हुकूमत ने राहतकार्य अच्छी तरह से पूरा किया, ऐसा दावा किया जा रहा है। इसकी वजह से सीरिया में अस्साद की लोकप्रियता बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में अब भूकंप का लक्ष्य हुए सीरिया के कुछ स्कूल शुरू किए गए हैं।

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