अमरीका-दक्षिण कोरिया के युद्धाभ्यास के बाद उत्तर कोरिया ने किया बैलेस्टिक मिसाइलों का नया परीक्षण

सेउल –  उत्तर कोरिया की सेना ने शुक्रवार को छोटी दूरी के दो बैलेस्टिक मिसाइले दागी। अमरीका और दक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया को निशाना बनाने वाला युद्धाभ्यास किया। इस वजह से आगबबूला हुए उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल परीक्षण किया, यह दावा किया जा रहा ह ैं। इस साल उत्तर कोरिया ने जापान और दक्षिण कोरिया की सीमा के करीब कुल 80 मिसाइलें दागी हैं।

अमरीका और दक्षिण कोरिया का हवाई युद्धाभ्यास शुरू हुआ हैं। मंगलवार से शुरू हुआ यह युद्धाभ्यास गुरुवार को खराब मौसम के कारण रद्द किया गया था। इस युद्धाभ्यास में अमरीका के परमाणु वाहक बॉम्बर एवं स्टेल्थ लड़ाकू विमान शामिल हुए थे। आनेवाले समय में उत्तर कोरिया ने हमला किया तो इसपर जवाब कैसें देना हैं, साथ ही उत्तर कोरिया के कौन से ठिकानों पर लक्ष्य करना हैं, इस विचार के आधार पर यह युद्धाभ्यास किया गया।

इस युद्धाभ्यास से दक्षिण कोरिया ने अपनी हवाई निगरानी की यंत्रणा मज़बूत होने की बात दर्शायी। अमरीका से सैन्य सहयोग करने के तौर पर यह युद्धाभ्यास हुआ, ऐसा दक्षिण कोरिया ने कहा हैं। लेकिन, यह युद्धाभ्यास हमारे विरोध में हैं और हमें लक्ष्य करनेवाला है, ऐसा गुस्सा उत्तर कोरिया ने व्यक्त किया। इसके बाद शुक्रवार दोपहर करीबन 4.30 बज़े उत्तर कोरिया ने छोटी दूरी के दो बैलेस्टिक मिसाइले दागी।

उत्तर कोरिया के सूनान तट से ‘ईस्ट सी’ में 250 से 350 किलोमीटर दूरी पर स्थित कोरिया एवं जापान के समुद्री क्षेत्र में यह मिसाइल जा गिरे। इनमें से एक मिसाइल के ट्रैजेक्ट्री में कुछ बदलाव होने का अहसास हुआ, ऐसा जापान के उप-रक्षा मंत्री तोशिरो इनो ने कहा हैं। साथ ही उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण के लिए परमाणु वाहक ‘केएन-23’ मिसाइल का परीक्षण करने की संभावना इनो ने जताई। रशिया के इस्कंदर मिसाइल की नकल बनाकर उत्तर कोरिया ने ‘केएन-23’ मिसाइल का निर्माण किया हैं। इसकी याद ताज़ा करके जापान के उप-रक्षा मंत्री ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को अनदेखा ना करें, ऐसी गुहार लगायी।

इसी बीच उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण जापान की सुरक्षा के लिए खतरा साबित होने का आरोप जापान ने पहले ही लगाया था।

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