यूरोप की सुरक्षा के लिए अमरीका पर ज्यादा निर्भर नहीं रह सकते – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल का बयान

पैरिस/वॉशिंग्टन – ‘यूरोपिय देशों ने अपनी सामरिक स्वायत्ता पर फिर से सोच-विचार करना आवश्यक है। प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षमता के विषय में अधिक आज़ादी प्राप्त करना ज़रूरी हैं। इस विषय में अमरीका पर ज्यादा निर्भर रह नहीं सकते’, ऐसा इशारा फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने दिया हैं। इससे पहले ‘यूरोपियन डिफेन्स एजेन्सी’ के प्रमुख जिरि सेडिवी ने पिछले हफ्ते यूरोपिय महासंघ अमरीका पर निर्भर नहीं रह सकता, ऐसा दावा किया था।

रशिया ने यूक्रेन पर किए हमले के बाद अमरीका और नाटो के यूरोपिय सदस्य देशों ने यूक्रेन को रक्षा सहायता प्रदान करना शुरू किया था। इन देशों ने अबतक पांच अरब डॉलर्स से भी अधिक मूल्य के हथियार और रक्षा यंत्रणा यूक्रेन को प्रदान किए हैं और यह सहायता अगले वर्ष भी जारी रखने के संकेत दिए हैं। यूरोपिय महासंघ द्वारा हो रही हथियारों की सहायता में फ्रान्स, जर्मनी और पोलैण्ड ने सबसे ज्यादा सहायता प्रदान करने की जानकारी सामने आयी है। लेकिन, यूक्रेन को बड़ी मात्रा में हथियार देने के बाद यूरोपिय देशों के हथियार भंड़ार काफी कम हुए हैं और जर्मनी जैसे देश के हाथों में अब कुछ ही दिन लड़ने के लिए पर्यात हथियार बचे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी, फ्रान्स जैसे प्रमुख देश यूरोप की स्वतंत्र रक्षा क्षमता और उद्योगों को अधिक प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। मैक्रॉन ने इसके लिए पहल की हैं और आनेवाले कुछ सालों में उन्होंने यूरोप की स्वतंत्र फौज का मुद्दा लगातार उठाया था। लेकिन, वह नाटो का विकल्प दे रहे हैं, ऐसी आलोचना हुई थी। इस वजह से यह मुद्दा पीछे छुटा हैं, फिर भी अमरीका के साथ बढ़ रहे मतभेदों के मद्देनज़र रक्षा क्षमता और संबंधित उद्योगों का मुद्दा अब चर्चा का विषय बना है।

यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार प्रदान करने के बाद रक्षा तैयारी बरकरार रखने के लिए यूरोपिय देश अमरीका पर निर्भर रहने के लिए मज़बूर हैं। पिछले कुछ महीनों में 10 से भी ज्यादा यूरोपिय देशों ने अमरीका के साथ अरबों डॉलर्स के रक्षा समझौते किए हैं। इसमें लड़ाकू विमानों से लेकर मिसाइलों की खरीद का समावेश है।

यूरोपिय महासंघ की पिछले महीने हुई बैठक में महासंघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने क्या अमरीका यूरोप का सहयोगी रही हैं या नहीं, ऐसे कड़वे शब्दों में अपनी नाराज़गी जताई थी। इसके बाद अमरीका का दौरा कर रहें फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने भी अमरीका की नीति को लेकर बायड़ेन प्रशासन को आगाह किया था।

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