नाटो को रशिया को सुरक्षा की गारंटी देनी पडेगी – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन

पैरिस – भविष्य में यूरोप की सुरक्षा की योजना बनाते समय नाटो को रशिया को सुरक्षा की गारंटी देनी पडेगी, ऐसी सलाह फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने दी। कुछ दिन पहले जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्ज़ ने भविष्य में मिसाइल तैनाती, सुरक्षा एवं अन्य रक्षा संबंधी मुद्दों पर रशिया से फिर से चर्चा होगी, ऐसा कहा था। इसके बाद मैक्रॉन ने नाटो को सामने रखकर किया यह बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन समेत अमरीका और नाटो के सामने सुरक्षा संबंधी गारंटी मांगने वाला प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने नाटो का विस्तार रोक दें और यूक्रेन को नाटो की सदस्य न बनाएं, यह मांगें रखी थीं। लेकिन, यूक्रेन समेत पश्चिमी गुट ने यह प्रस्ताव ठुकराया था। युद्ध शुरू होने के बाद शांतिवार्ता करते समय भी रशिया ने इस प्रस्ताव का ज़िक्र किया था।

पिछले कुछ दिनों से रशिया-यूक्रेन शांतिचर्चा का मुद्दा फिर से अहमियत प्राप्त करता दिख रहा है। इस पृष्ठभूमि पर फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया की सुरक्षा की गारंटी का ज़िक्र करना अहम साबित होता है। ‘हमें भविष्य के सुरक्षा संबंधित दायरे का विचार करने की जरुरत है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने नाटो रशिया की सीमा के करीब आ पहुँची है, यह कहा था। नाटो की रक्षा तैनाती रशिया के लिए खतरनाक होने पर भी पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया था। इस पर विचार होना ज़रूरी है। यह शांतिवार्ता का हिस्सा है और यूक्रेन युद्ध के बाद के दौर पर भी हमें यह सोचना पडेगा। अपने मित्रदेशों को सुरक्षित करते समय रशिया को भी उसकी सुरक्षा की गारंटी देनी पडेगी’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने अपनी भूमिका स्पष्ट की।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद नाटो ने अपने सदस्य देशों में तेज़ी से तैनाती बढ़ाती बढाई है। साथ ही फिनलैण्ड और स्वीडन दोनों को नाटो के सदस्य के तौर पर स्वीकारने की तैयारी भी शुरू की है। यूक्रेन को शामिल करने की तैयारी जारी होने का बयान भी नाटो बार बार करती रही है।

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