रशिया और चीन समेत दक्षिण अफ्रीका के ‘मोसी-२’ युद्धाभ्यास की शुरूआत

प्रिटोरिआ/मास्को – रशिया, चीन और दक्षिण अफ्रिका के नौसैनिक युद्धाभ्यास की शुक्रवार को शुरूआत हुई। डर्बन के समुद्री क्षेत्र में इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है। ‘मोसी-२’ नामक इस युद्धाभ्यास का आयोजन हिंद महासागर क्षेत्र के सामरिक एवं व्यापारीक नज़रिये से अहम मार्ग पर किया गया है। यूक्रेन में युद्ध जारी है और इसी बीच दक्षिण अफ्रीका ने रशिया के साथ युद्धाभ्यास का आयोजन करने से अमरीका के साथ पश्चिमी देशों ने भी तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। लेकिन, दक्षिण अफ्रीका ने इस युद्धाभ्यास का समर्थन किया है और यह भी स्पष्ट किया है कि, यह युद्धाभ्यास अंतरराष्ट्रीय और रक्षा सहयोग का हिस्सा है।

इससे पहले साल २०१९ में दक्षिण अफ्रीका ने रशिया और चीन के साथ संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास किया था। ‘ब्रिक्स’ गुट के सहयोगी देश दक्षिण अफ्रीका के साथ रशिया और चीन दोनों ने अच्छे ताल्लुकात विकसित किए हैं। रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैवरोव ने पिछले महीने ही दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहे संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास का समर्थन किया था। चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ होने वाले इस युद्धाभ्यास की पूरी जानकारी रशिया ने प्रदान की है, इसकी वजह से इस मुद्दे पर विवाद की वजह नहीं है, ऐसा लैवरोव ने स्पष्ट किया।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक साल पूरा होने की पृष्ठभूमि पर आयोजित होने वाले इस युद्धाभ्यास में शामिल होकर रशिया ने अफ्रीका और चीन के साथ बढ़ती नज़दिकीयां दर्शायी हैं। यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान रशिया के जहाज़ पिछले साल अफ्रीका के बंदरगाह में रुके थे। दक्षिण अफ्रीका के साथ कई अफ्रीकी देश यूक्रेन युद्ध में स्पष्ट भूमिका अपनाने से दूर रहे हैं। इस मुद्दे पर अमरीका और यूरोपिय देशों का दबाव अफ्रीकी देशों ने ठुकराने की बात सामने आयी है। यह मुद्दा पश्चिमी गुट की बेचैनी की वजह बना है।

दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ‘मोसी-२’ युद्धाभ्यास में रशिया की ‘एडमिरल गोर्शकोव’ नामक विध्वंसक शामिल होगी, यह जानकारी रशिया ने प्रदान की है। इस विध्वंसक पर रशिया ने ‘झिरकॉन’ हायपरसोनिक मिसाइल तैनात किए हैं। रशिया की जानकारी के अनुसार ध्वनि से नौं गुना तेज़ इस मिसाइल की मारक क्षमता एक हज़ार किलोमीटर से अधिक है। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित युद्धाभ्यास के दौरान इस ‘झिरकॉन मिसाइल’ का भी परीक्षण होगा। रशिया से बाहर आयोजित हो रहे किसी अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में ‘झिरकॉन’ का यह पहला परीक्षण होगा।

‘एडमिरल गोर्शकोव’ के अलावा रशिया का एक ऑईल टैंकर भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा बनेगा। दक्षिण अफ्रीका के एक विध्वंसक और चीनी नौसेना के दो विध्वंसक एवं एक सपोर्ट वेसल इस युद्धाभ्यास में शामिल होंगे, यह जानकारी दक्षिण अफ्रीका ने प्रदान की है।

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