बेंगलुरु  में ‘जी-२०’ देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक का आयोजन

बेंगलुरु – ‘जी-२०’ देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक का बेंगलुरु में आयोजन किया गया है और इसके लिए सदस्य देशों के वित्त मंत्री भारत पहुंचे हैं। इसके साथ ही दुनिया भर के प्रमुख बैंक और वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी भारत पहुंचे होने की बात कही जा रही है। इस बैठक के अवसर पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की अमरीका, जापान, स्पेन, अर्जेंटीना के वित्त मंत्री से चर्चा होने की बात साझा हो रही है। इस बैठक में भारत ‘क्रिप्टोकरन्सी’ नियंत्रित करने के लिए अहमियत देता दिख रहा है।

बेंगलुरुइस साल भारत में आयोजित हो रही ‘जी-२०’ परिषद की बड़े जोरों से शुरू हुई है और इससे पहले होने वाली बैठकों का आयोजन शुरू हो रहा है। इसके अनुसार सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक का बंगलुरू में आयोजन हो रहा है। सीर्फ सदस्य देशों के वित्त मंत्री ही नहीं, बल्कि जी-२० देशों के सेंट्रल बैंकों के प्रमुख भी इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। इस वजह से इस बैठक की अहमियत अधिक बढ़ती दिखाई दे रही है।

इस बैठक से पहले ही भारत ने क्रिप्टोकरन्सी से जुड़ी गंभीर समस्याओं का मुद्दा पेश किया था। इससे क्रिप्टोकरन्सी से होने वाले खतरों पर भारत ध्यान आकर्षित कर रहा है। दुनिया पर टूट गीरनेवाला अगले आर्थिक संकट की वजह क्रिप्टोकरन्सी बन सकती हैं, ऐसी चेतावनी भी कुछ आर्थिक विशेषज्ञों ने दी थी। इसका दाखिला देकर भारत यह आवाहन कर रहा है कि, इस समस्या को सभी देश गंभीरता से देखे। सिर्फ एक ही देश क्रिप्टोकरन्सी नियंत्रित नही कर सकता। सभी देशों ने इसके लिए संगठित कोशिश करनी होगी, ऐसा इशारा वित्त मंत्री सीतारामन ने कुछ ही दिन पहले किया था।

गुरुवार को भी भारत की यही भूमिका सीतारामन ने फिर से पेश की। क्रिप्टोकरन्सी पर नियंत्रण रखने के लिए वैश्विक स्तर पर यंत्रणा विकसित हो, ऐसी मांग भी सीतारामन ने इस दौरान रखी। इस वजह से ‘जी-२०’ की इस बैठक में क्रिप्टोकरन्सी का मुद्दा चर्चा का प्रमुख विषय होगा, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे है। साथ ही भारत में आयोजित हो रही ‘जी-२०’ बैठक का अजेन्ड़ा विकास ही होगा और यहां पर रशिया या अन्य किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाने का मुद्दा उठाया नहीं जा सकता, इसका अहसास भी भरात ने कराया है। रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह भारत यात्रा पर दाखिल होने की तैयारी में जुटे हैं और इसी दौरान भारत ने किया यह खुलासा बड़ी अहमियत रखता है।

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