महाराष्ट्र में २४ घंटों में ७७३ कोरोना संक्रमितों की मौत

नई दिल्ली/मुंबई – शुक्रवार के दिन महाराष्ट्र में ७७३ कोरोना संक्रमित मृत हुए और करीबन ६७ हज़ार नए मामले सामने आए। महाराष्ट्र में मृत कोरोना संक्रमितों की संख्या में हुई बढ़ोतरी चिंता का मुद्दा बना है। देश में मृत हो रहे कोरोना संक्रमितों में से ३० प्रतिशत संक्रमितों की मौतें महाराष्ट्र में हो रही है। शुक्रवार के दिन महाराष्ट्र में ७४ हज़ार संक्रमित स्वस्थ हुए। यह राहत की खबर है। क्योंकि, बीते दो महीनों में राज्य में पहली बार संक्रमण के नए मामलों से अधिक स्वस्थ होनेवालों की संख्या दर्ज़ हुई है। इस वजह से राज्य में ऐक्टीव संक्रमितों की संख्या ७ लाख के आँकड़े से नीचे रही।

देश में कोरोना संक्रमण से स्थिति काफी बिगड़ रही है और जल्द ही प्रतिदिन सामने आ रहे नए मामलों की संख्या चार से पांच लाख तक जा सकती है, ऐसा ड़र जताया जा रहा है। साथ ही एक दिन में कोरोना से हो रही मौतों की संख्या तीन हज़ार तक जा पहुँचेगी, ऐसी संभावना कुछ विशेषज्ञ जता रहे हैं। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र में एक दिन में ७७३ संक्रमित मृत हुए है। मुंबई में बीते २४ घंटों के दौरान ७२ संक्रमित मृत हुए और ७२०० नए मामले दर्ज़ हुए। नागपुर में एक दिन में ८२ संक्रमितों ने दम तोड़ा है और इसके अलावा नाशिक में ४९ और पुणे में ११५ संक्रमित मृत हुए।

महाराष्ट्र के साथ दस राज्यों में देश के कुल ७५ फीसदी संक्रमण के मामले पाए जा रहे हैं। इन दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार के दिन बातचीत की और इस संक्रमण को रोकने के लिए ज़रूरी सूचना प्रदान की। केंद्र सरकार सभी राज्यों को हर तरह की सहायता प्रदान करेगी, यह वादा प्रधानमंत्री ने किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश के प्रमुख ऑक्सिजन सप्लायर्स से बातचीत की।

इसी बीच कुछ राज्यों ने सख्त प्रतिबंध जारी किए हैं। इस वजह से स्थानांतरित मज़दूरों को फिर से संकट का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही दिहाड़ी पर काम कर रहे मज़दूरों के सामने भी संकट खड़ा हुआ है और इस पृष्ठभूमि पर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई और जून महीने के लिए ५ किलो मुफ्त अनाज देने का निर्णय किया है। सरकार की इस योजना से ८० करोड़ नागरिकों को लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत यह अनान प्रदान होगा और इसके लिए २६ हज़ार करोड़ रुपयों से अधिक खर्च आएगा।

बीते वर्ष जारी किए गए लॉकडाउन के बाद मई से जुलाई के दौरान मुफ्त अनाज प्रदान किया गया था। इसके बाद इस योजना की अवधि नवंबर तक बढ़ाई गई थी। इसके बाद यह योजना बंद की गई थी।

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