जर्मनी से २३ ऑक्सिजन उत्पादक संयंत्रों को ‘एयरलिफ्ट’ करके लाया जाएगा – रक्षा मंत्रालय का निर्णय

germany-oxygen-production-indiaनई दिल्ली – देश में फिलहाल कोरोना संक्रमण का विस्फोट होने से वैद्यकीय कारणों के लिए आवश्‍यक ऑक्सिजन की माँग काफी मात्रा में बढ़ी है। इस वजह से देश में भारी कोरोना संक्रमण वाले राज्यों में ऑक्सिजन की किल्लत बनी है। कुछ राज्यों ने शीघ्रता में ऑक्सिजन उत्पादक प्रकल्पों का निर्माण किया हैं। फिर भी ऑक्सिजन की पर्याप्त आपूर्ति करने की बड़ी चुनौती बनी हैं और इस पृष्ठभूमि पर रक्षा मंत्रालय ने जर्मनी से मोबाईल ऑक्सिजन उत्पादक संयंत्र लाने का निर्णय किया है। सरकार ने हाल ही में रक्षाबलों के अस्पताल भी कोरोना संक्रमितों के लिए खुले करने का निर्णय किया था। इन अस्पतालों में जर्मनी से लाए जा रहे मोबाईल ऑक्सिजन संयंत्र लगाए जाएंगे।

germany-oxygen-production-indiaरक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चार दिन पहले एक अहम बैठक की थी। इसके बाद तीनों रक्षाबलों को और रक्षा क्षेत्र से संबंधित अन्य संस्थाओं को कोरोना की पृष्ठभूमि पर वैद्यकीय क्षेत्र की बुनियादी सुविधाएं स्थापित करने के लिए आवश्‍यक खरीद करने को कहा था। साथ ही इसके लिए आपातस्थिति में आवश्‍यक खरीद करने के लिए आर्थिक अधिकार भी रक्षाबलों को बहाल किए गए थे। इसके तहत अब जर्मनी से ऑक्सिजन उत्पादक संयंत्रों की शीघ्रता से खरीद हो रही है। यह संयंत्र ‘आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विसेस’ (एएफएमएस) के अस्पतालों में दाखिल कोरोना संक्रमितों के इलाज़ के लिए तैनात किए जाएँगे, ऐसी जानकारी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भूषण बाबू ने साझा की।

जर्मनी से कुल २३ मोबाईल ऑक्सिजन उत्पादक संयंत्रों की खरीद हो रही है और एक हफ्ते के समय में यह संयंत्र ‘एयरलिफ्ट’ करके भारत लाए जाएँगे। इस हरएक संयंत्र से हर मिनिट ४० लीटर ऑक्सिजन का उत्पादन संभव होगा। इससे हर घंटे २,४०० लीटर ऑक्सिजन का उत्पादन मुमकिन होगा, यह जानकारी रक्षा विभाग ने प्रदान की। इन संयंत्रों को जर्मनी से ‘एयरलिफ्ट’ करके भारत लाने के लिए वायुसेना ने तैयारी की है और कागजी प्रक्रिया पूरी होते ही यह संयंत्र भारत लाए जाएँगे, ऐसी जानकारी अन्य अफसर ने साझा की। इसके अलावा और भी अधिक ऑक्सिजन संयंत्रों की विदेश से खरीद हो सकती है, ऐसी जानकारी इस अफसर ने साझा की।

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